कोरोना के फेर में फंसे सैकड़ों जोड़े, नहीं ले पा रहे सात जन्मों के फेरे | Corona ke fer main fanse sekdo jode

कोरोना के फेर में फंसे सैकड़ों जोड़े, नहीं ले पा रहे सात जन्मों के फेरे

कोरोना के फेर में फंसे सैकड़ों जोड़े, नहीं ले पा रहे सात जन्मों के फेरे

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - कोरोना वायरस के फेर में फंसे हजारों जोड़ सात जन्म के फेरे नहीं ले पा रहे हैं। संक्रमण फैलने के खतरे के बीच किए गए देशभर में लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर वैवाहिक कार्यक्रम में भी पड़ा है। लॉकडाउन हटने का सबसे अधिक इंतजार दूल्हा-दुल्हन सहित उनके परिजन को भी है, जिन्होंने शादी की पूरी तैयारी तो पहले ही कर ली थी और लॉकडाउन के चलते विवाह अटक कर रह गए हैं। आलम यह है कि जिले में ही सैकड़ों शादियां प्रारंभिक तैयारियों के बाद भी नहीं हो पा रही है। विवाह का निर्धारित शुभ मुहूर्त लगातार निकलता जा रहा है। अब तक विवाह के शुभ आठ मुहूर्त निकल चुके हैं। डिंडौरी के पौराणिक पंडित सुशील महाराज की मानें तो मई माह में भी विवाह के 18 शुभ मुहूर्त हैं। लॉकडाउन की वर्तमान स्थिति को देखकर अभी मई और जून माह में भी विवाह धूमधाम से होने के आसार नजर नहीं आ रहे है। जिले भर में ही कई परिवार ने शादी की लगभग तैयारी कर ली थी। कार्ड छपने के साथ आमंत्रण भी दे दिए गए थे। अंतिम दौर में न मंडप लग पाए और न शहनाई बज सकी। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के चलते सभी शादियां अटक कर रह गई हैं। जिले के अंदर ही होने वाली जहां शादियां नहीं हो पा रही है वही जिन दूल्हा दुल्हन का विवाह जिले से बाहर होना था वहां न तो बरात जा पा रही है और न वहां से बरात अब आ पा रही है।


30 जून है विवाह का अंतिम मुहूर्त

विवाह का अंतिम शुभ मुहूर्त 30 जून तक है। 30 जून के बाद लगभग 5 माह विवाह के मुहूर्त नहीं हैं। बताया गया कि शुभ मुहूर्त न होने के साथ बारिश का दौर भी जून माह से शुरू हो जाएगा। ऐसे में विवाह समारोह नहीं हो पाएंगे। 26 नवंबर को और उसके बाद ही विवाह के शुभ मुहूर्त है। ऐसे में विवाह को लेकर दूल्हा दुल्हन सहित उनके परिजनों को लंबा इंतजार भी करना पड़ सकता है।

टेंट, शहनाई, हलवाई को भी इंतजार

कोरोना वायरस का संक्रमण कम होने का इंतजार जहां दूल्हा दुल्हन बेसब्री से कर रहे हैं,वही शहनाई वादक के साथ टेंट संचालक , हलवाई और विवाह कार्यक्रम से जुड़ सभी लोग कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते वैवाहिक कार्यक्रम से जुड़े लोगों के काम भी ठप हो गए हैं। संभावना यह भी है कि कोरोना की मार लंबे समय तक रहेगी। लॉकडाउन हटने के बाद भी जो विवाह होंगे, उसमें न तो इतनी तड़क-भड़क रहेगी और न ही व्यवस्थाएं।

इनका कहना है 

जिलेभर में प्रतिवर्ष सैकड़ों शादियां होती हैं। कोरोना वायरस के चलते इस वर्ष शादियां नहीं हो पा रही है। अब तक शादी के 8 अच्छे मुहूर्त निकल चुके हैं। मई माह में 18 और जून में 11 शुभ मुहूर्त विवाह के हैं। 30 जून को विवाह का अंतिम मुहूर्त है, इसके बाद चार माह शादी नहीं होंगी। 26 नवंबर को ही विवाह का अगला मुहूर्त बन रहा है। लॉकडाउन के चलते हजारों शादियां तैयारी होने के बाद भी अटक गई हैं।
पंडित सुशील महाराज पौराणिक डिंडौरी

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