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Showing posts from June, 2019

फेसबुक में पाना चाहते हैं नौकरी तो इन तीन सवालों का देना होगा जवाब

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मुंबई:   फेसबुक का भारत में सबसे ज्यादा यूज होता है। लोग अपनी सोच, सूचना को कई लोगों तक कम समय में पहुंचा देता है। ऐसे में फेसबुक में नौकरी कौन नहीं करना चाहेगा।  हर दिन हजारों उम्मीदवारों की एप्लीकेशंस मिलती हैं। ऐसे में एप्लीकेशंस की छंटनी के लिए यहां रिक्रूटर्स स्ट्रक्चर्ड इंटरव्यू का इस्तेमाल करते हैं। रिक्रूटिंग डायरेक्टर लिज वमाई के अनुसार उम्मीगवारों से प्रश्न पूछ जाते हैं। फेसबुक में अक्सर ये तीन सवाल जरूर पूछे जाते हैं : पहला सवाल-जॉब में अपने सबसे अच्छे दिन को आप किस तरह बिताते हैं। इसका अर्थ बताते हुए लिज कहती हैं कि इस सवाल के जरिए हम उम्मीदवारों से पूछ रहे होते हैं कि उनकी खूबियां क्या हैं और उन्हें क्या करना पसंद है। दूसरा सवाल होता है ऐसा कब हुआ जब आपने अपना टाइम ट्रैक खो दिया। इसका मतलब है कि वे अपने काम को इतना पसंद करते हैं जिसमें उन्हें समय का पता ही नहीं चलता। असल में यह वह समय भी होता है जब आप उन चीजों के नजदीक होते हैं जो आपको प्रेरित करती हैं। उनकी प्रतिक्रिया यह भी बताती है कि कौनसी चीजें उन्हें व्यस्त कर देती हैं और इतना ज्यादा व्यस्त कर देती हैं

मीजल्स.रूबेला टीकाकरण अभियान की नोडल अधिकारी ने भी कराया अपने पुत्र का टीकाकरण ष्सफलता की कहानी

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 बडवानी   जिले में संचालित मीजल्स.रूबेला टीकाकरण अभियान में विकासखण्ड पाटी की नोडल अधिकारी डॉण् लक्ष्मी माहोर ने भी अपने 5 वर्षीय पुत्र मास्टर आर्यन के स्कूल पहुंचकर उसे टीका लगवॉकर सभी को प्रेरणादायक संदेश दिया है कि वे भी अपना समय निकालकर अपने बच्चो कोए उनके स्कूल पहुंचकर टीका लगवाये।  डॉण् लक्ष्मी माहोर ने अपने पुत्र मास्टर आर्यन को उसकी शिक्षण संस्था सेंट मेरी स्कूल में पहुंचकर दो बिमारियों से बचाने वाला मीजल्स.रूबेला का टीका लगवाया है। इस दौरान उन्होने मौके पर उपस्थित अन्य पालको को भी प्रोत्साहित किया कि वे बिना किसी भय के अपने बच्चो को उक्त टीका लगवाये। क्योंकि इस टीकाका कोई साईड इफेक्ट नही है वही टीका लगने के पश्चात् उनका बच्चा दो जानलेवा बिमारी मीजल्स एवं रूबेला होने की आशंका से पूरी तरह मुक्त हो जायेगा। इस दौरान श्रीमत माहोर ने पालको के प्रश्नों का जवाब देते हुये बताया कि भारत में बच्चो की होने वाली मोतो में इन दोनो बिमारियो का 35 प्रतिशत स्थान आता है। अत: बाजार में लगभग 15 सौ रूपये में लगने वाला यह टीका सरकार स्कूल में नि:शुल्क लगा रही रही है। इसलिये प्रत्येक पालक क

नदी महोत्सव में आया केवल दृष्टिपत्र, नीति नहीं बना पाई सरकार

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इंदौर। पांचवां नदी महोत्सव शुक्रवार-शनिवार को होशंगाबाद जिले के बांद्राभान गांव में होगा। फिर नदी और जल विशेषज्ञों का जमावड़ा होगा। वे विचार मंथन करेंगे। पिछले चार महोत्सवों में एक दृष्टिपत्र ही बन पाया है। 2015 के नदी महोत्सव के बाद जब यह दृष्टिपत्र सरकार को सौंपा गया तो उसने सहर्ष स्वीकार किया, लेकिन अब तक न तो नदी नीति तय हुई है, न ही इसे लेकर कोई हलचल है। इस बीच नर्मदा कई जगहों पर सूख गई है और प्रदूषण भी बढ़ा है। 2008 से लेकर अब तक हुए चार नदी महोत्सव जनसहयोग से हुए, लेकिन इस बार नर्मदा सेवा मिशन के जरिये पूरा खर्च राज्य सरकार उठा रही है। इस आयोजन के मूल में आरएसएस की विचारधारा से निकले पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे की परिकल्पना थी। वर्ष 2015 में तय हुआ था कि जब भी देश में नदियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कोई नीति बनती है तो इस दृष्टिपत्र के सुझावों और सिफारिशों को सरकार शामिल कर सकती है, पर 3 साल बाद भी नदियों पर नीति सामने नहीं आई है। आयोजन पर खर्च होंगे 5.5 करोड़ बताया जाता है कि वर्ष 2015 के नदी महोत्सव पर करीब 33 लाख स्र्पए खर्च हुए थे। तब यह राशि दानदाता

भाई ने गर्भवती को दी दर्दनाक मौत, सच बेहद शर्मनाक महज 600 रुपए के लिए चाकू घोंपकर हत्या कर दी।

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गफूर बस्ती में सड़क पर खड़ी गर्भवती महिला की मंगलवार सरेशाम उसके ममेरे भाई ने चाकू घोंपकर हत्या कर दी। पुलिस ने भाग रहे हत्यारोपी को रेलवे लाइन से पकड़ लिया। इधर, भीड़ ने आरोपी फैजान के घर पहुंचकर उसके पिता को पीट दिया। हत्या का कारण 15 दिन पहले 600 रुपये के लेनदेन का विवाद बताया जा रहा है। देर रात मृतका की मां नूरजहां की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी फैजान और उसके पिता शाहिद के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। तीन माह की गर्भवती महिला गफूर बस्ती निवासी अब्दुल वहीद की बेटी बरखा (25) की शादी तीन साल पहले दिल्ली के महिपालपुर रमपुरी पहाड़ी निवासी बाइक मैकेनिक मोनू से हुई थी। वह तीन माह की गर्भवती है। उसकी दो साल की बेटी तैय्यबा है। बरखा 20 जनवरी को मायके आई थी। मंगलवार की शाम साढ़े पांच बजे वह घर के पास ही दुकान के सामने खड़ी थी। इस बीच, उसका ममेरा भाई फैजान वहां पहुंचा और उस पर चाकू  से हमला कर दिया। बरखा लहूलुहान होकर बेहोश हो गई। परिवार के लोग उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। तीन पुलिसकर्मी निलंबित एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने बताय

चुनावी हलचल: आज अमित शाह गोरखपुर और लखनऊ में, प्रियंका-सिंधिया भी यूपी दौरे पर

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लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस उत्तर प्रदेश पर अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा जोर आजमाती दिख रही है। शनिवार को भाजपा अध्यक्ष और कांग्रेस महासचिव उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। वहीं, यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश भी प्रयागराज में कार्यकर्ताओं का हाल लेने पहुंचेंगे।  कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी और पश्चिमी यूपी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार को यूपी दौरे पर हैं। दोनों यूपी में पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि जल्द ही कांग्रेस यूपी में अपने उम्मीदवार घोषित कर सकती है।  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में आज छात्रों से मुखातिब होंगे। वह यहां के जवाहर लाल नेहरू सभागार में जेएनयू, डीयू समेत अन्य संस्थानों के विद्यार्थियों, शोधार्थियों, युवाओं से बातचीत करेंगे। गोरखपुर में अमित शाह संग सीएम योगी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को गोरखपुर और लखनऊ दौरे पर हैं। गोरखपुर में भाजपा किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित है, जिसे अमित शाह के अलावे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ

यूपी में डॉक्टरों की हड़ताल से हाहाकार, अस्पतालों में लगी भीड़, मरीजों को लेकर भटक रहे परिजन

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यूपी में डॉक्टरों की हड़ताल से अस्पतालों में हाहाकार मच गया है। परिजन अपने मरीजों को लेकर इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। अस्पतालों में भीड़ लग गई और लोग परेशान नजर आ रहे हैं। दरअसल, पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के विरोध की आंच लखनऊ सहित पूरे यूपी में नजर आ रही है। केजीएमयू, एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान और सभी निजी अस्पतालों में आज हड़ताल है जिससे जिलों से आए मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हुए हैं। केजीएमयू में डॉक्टर्स का कहना है कि हम लोगों की सेवा करने के लिए हैं लेकिन हम पर हमले हो रहे हैं। ये बंद होना चाहिए। डॉक्टर जब खुद सुरक्षित होंगे तभी लोगों की मदद कर पाएंगे।लखनऊ के लोहिया अस्पताल में लगी मरीजों व उनके परिजनों की भीड़।बलरामपुर अस्पताल में काउंटर के पास लोग खड़े हैं उन्हें उम्मीद है कि हड़ताल खत्म होगी और इलाज मिलेगा।लोहिया अस्पताल में भीड़ में खड़ी एक महिला बेहोश हो गई। वह पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगी थी।

एसएसबी ने शुरु की अनूठी योजना स्कूल छोड़ चुके युवक बंदूक न पकड़ें, इस लिए

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बॉर्डर एरिया, नक्सल प्रभावित क्षेत्र और दूसरे इलाकों में स्कूल छोड़ चुके युवक बंदूक पकड़ कर अपराध के रास्ते पर न जाएं, इसके लिए एसएसबी ने एक अनूठी योजना शुरु की है। ऐसे युवकों को नेशनल स्किल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी) की मदद से 'मैन फ्राइडे' स्कीम के जरिए अपने पांव पर खड़ा किया जाता है। एसएसबी इन्हें 55 दिन की टेनिंग देती है और फिर इन युवाओं को बड़ी कंपनियों में जॉब भी दिलाती है। बता दें कि बॉर्डर इलाकों के अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बहुत से युवा जो किसी कारणवश स्कूल छोड़ देते हैं, उनमें से कई युवक गलत राह पकड़ लेते हैं। खासतौर पर सीमावर्ती इलाकों में यह समस्या गंभीर रुप धारण करती जा रही है कश्मीर, असम, झारखंड, छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में अनेक बच्चे बीच में ही स्कूल छोड़ देते हैं। अपराधिक तत्व इन बच्चों को आसानी से अपने गिरोह में शामिल कर लेते हैं। कुछ युवक नशे के कारोबार में संलिप्त पाए गए इैं। कश्मीर जैसे अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र में तो आतंकी समूह भोले-भाले युवकों को गुमराह कर रहे हैं। आतंकी संगठनों के बहकावे में आकर युवक बंदूक उठा लेते ह