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एमपी में ग्रामीण विकास का नया युग: ग्राम रोजगार सहायकों को मिला सशक्तिकरण, 'मार्गदर्शिका-2025' लागू; पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर jor Aajtak24 News |
भोपाल - मध्य प्रदेश में ग्रामीण विकास और पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ-साथ श्रम विभाग के मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल के सशक्त नेतृत्व में, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की एक उच्चस्तरीय बैठक में 'ग्राम रोजगार सहायक मार्गदर्शिका-2025' को औपचारिक रूप से लागू करने की घोषणा की गई है। यह निर्णय मध्य प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में प्रबंधन सुधार और समावेशी विकास का स्पष्ट रोडमैप तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मंत्री श्री पटेल ने इस नई मार्गदर्शिका को "स्थानीय रोजगार व्यवस्था में स्थायित्व, जवाबदेही और दक्षता का आधुनिक रूपांतरण" बताया है।
चयन प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव: अब लिखित परीक्षा से मिलेगी नौकरी
यह नई मार्गदर्शिका ग्राम रोजगार सहायकों (GRS) के चयन, मूल्यांकन और अनुशासन को लेकर आगामी वर्षों की ग्रामीण विकास संरचना की रीढ़ साबित होगी। मंत्री श्री पटेल ने स्पष्ट किया है कि मार्गदर्शिका 2025 का तत्काल प्रभाव से क्रियान्वयन किया जाएगा, जिसके तहत अब सभी नियुक्तियां, मूल्यांकन, नवीनीकरण और अनुशासन की प्रक्रिया संचालित की जाएगी।
एक बड़ा बदलाव यह है कि अब ग्राम रोजगार सहायकों की सभी नियुक्तियां लिखित परीक्षा के माध्यम से की जाएंगी. इससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और केवल योग्य तथा स्थानीय युवा ही ग्रामीण विकास से सीधे जुड़ पाएंगे। मंत्री श्री पटेल ने इस बात पर जोर दिया कि ग्राम रोजगार सहायक सिर्फ संविदा कर्मी नहीं हैं, बल्कि ग्रामीण नव निर्माण के मूल स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि यह मार्गदर्शिका उन्हें न केवल दिशा देगी, बल्कि गरिमा, संरक्षण और प्रेरणा भी प्रदान करेगी। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है – ‘हर गाँव सक्षम, हर पंचायत सजग’.
सेवा सुरक्षा से लेकर डिजिटल प्रबंधन तक: GRS के लिए बड़े बदलाव
'ग्राम रोजगार सहायक मार्गदर्शिका-2025' में कई अभूतपूर्व प्रावधान किए गए हैं, जो ग्राम रोजगार सहायकों के काम करने के तरीके और उनकी सेवा शर्तों को पूरी तरह बदल देंगे।
मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) की शुरुआत: यह एक बड़ी पहल है जिसके तहत GRS का मूल्यांकन, नवीनीकरण और उनका समस्त डेटा अब डिजिटल रूप से प्रबंधित किया जाएगा। इससे प्रक्रियाओं में गति और पारदर्शिता आएगी।
सेवा सुरक्षा और अपील की न्यायसंगत प्रक्रिया: पहली बार ग्राम रोजगार सहायकों को सेवा सुरक्षा प्रदान की गई है। अब उन्हें किसी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के खिलाफ अपील का न्यायसंगत अधिकार होगा, जिससे उनके अधिकारों का बेहतर संरक्षण हो सकेगा।
कठोर अनुशासन और नैतिकता के प्रावधान: नई मार्गदर्शिका में सेवा में अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा, नैतिकता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कठोर प्रावधान किए गए हैं।
वार्षिक मूल्यांकन और जवाबदेही: ग्रामीण रोजगार सहायक का वार्षिक मूल्यांकन प्रत्येक वर्ष 01 अप्रैल से 15 मार्च के बीच किया जाएगा। इस मूल्यांकन में 60 अंकों से कम मिलने पर सेवा समाप्ति भी संभव होगी, जिससे जवाबदेही बढ़ेगी।
सुदृढ़ अवकाश व्यवस्था: अवकाश व्यवस्था को भी बेहतर किया गया है. GRS को अब 13 आकस्मिक अवकाश, 3 ऐच्छिक अवकाश और 15 विशेष अवकाश का प्रावधान किया गया है।
पहली बार स्थानांतरण नीति: अब तक स्थानांतरण को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं थी, लेकिन इस मार्गदर्शिका के तहत तीन वर्षों की सेवा के बाद स्थानांतरण की अनुमति होगी, जिससे उन्हें अपने गृह जिले या इच्छित स्थान पर जाने का अवसर मिल सकेगा।
कर्तव्यों का स्पष्ट निर्धारण: ग्राम रोजगार सहायकों के कर्तव्यों को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसमें जॉब कार्ड निर्माण, मजदूरी भुगतान, कार्यों की जियो टैगिंग, और शासन की विभिन्न योजनाओं के समन्वय तक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां शामिल हैं।
मंत्री श्री पटेल का मानना है कि यह मार्गदर्शिका न केवल ग्रामीण रोजगार सहायकों को सशक्त करेगी, बल्कि उन्हें बेहतर तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित भी करेगी। इससे प्रदेश की पंचायतें अधिक सशक्त, जवाबदेह और आत्मनिर्भर बनेंगी, जो अंततः ग्रामीण विकास को एक नई गति प्रदान करेगा।