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| रीवा: भीषण सड़क हादसे में तीन युवकों की दर्दनाक मौत, तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने कुचला Aajtak24 News |
रीवा - रीवा जिले में बुधवार, 10 दिसंबर 2025 की शाम लगभग 7:00 बजे एक भीषण सड़क दुर्घटना में तीन व्यक्तियों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा कुनिया कला नामक स्थान पर हुआ, जिसने रीवा संभाग में बदहाल यातायात नियमों और प्रशासनिक ढिलाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दर्दनाक हादसा और मृतकों की पहचान
मोटरसाइकिल पर सवार होकर घर जा रहे तीन व्यक्तियों को तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने कुचल दिया। टक्कर से गिरने के बाद उनके ऊपर से ट्रैक्टर का पहिया चढ़ जाने से तीनों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।
मृतकों की पहचान इस प्रकार है:
कमलेश कोल (उम्र 19 वर्ष), निवासी भुनगांव।
सीता कोल (निवासी लखवार, थाना जनेह)।
धर्मपाल कोल (उम्र 35 वर्ष, निवासी लखवार)।
घटना की सूचना मिलते ही सुहागी थाना प्रभारी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रशासनिक लापरवाही का दोहरा पहलू
इस दुर्घटना का प्राथमिक कारण तेज रफ्तार ट्रैक्टर चालक की लापरवाही बताया गया है, लेकिन रिपोर्ट दुर्घटना के दो प्रमुख कारणों को रेखांकित करती है, जो सीधे तौर पर प्रशासन की ढिलाई से जुड़े हैं:
1. परिवहन नियमों की अनदेखी:
बिना हेलमेट यात्रा: मोटरसाइकिल पर तीन-तीन व्यक्तियों का बिना हेलमेट यात्रा करना कानून की स्पष्ट अवहेलना है, जिसके चलते परिवारों के चिराग बुझ रहे हैं।
अनियमित ट्रैक्टरों का संचालन: रीवा संभाग में 90% पुराने ट्रैक्टर बिना बीमा और बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं।
लाइसेंस विहीन चालक: अनुमान है कि 60% नए ट्रैक्टर ड्राइविंग लाइसेंस विहीन चालकों द्वारा चलाए जा रहे हैं, और उनकी ट्रॉलियां भी परिवहन विभाग से पंजीकृत नहीं हैं।
आरोप है कि ट्रैक्टर एजेंसियों की बिक्री की होड़ में परिवहन विभाग रजिस्ट्रेशन, बीमा और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे अनिवार्य पहलुओं पर ध्यान नहीं दे रहा है। रिपोर्ट में मांग की गई है कि एक विशेष अभियान चलाकर इन अनियमितताओं को दुरुस्त किया जाए और लापरवाही बरतने वालों पर कठोर कार्रवाई हो, ताकि आकस्मिक दुर्घटनाओं में पीड़ितों को मदद मिल सके।
2. ग्रामीण सड़कों पर अतिक्रमण:
दुर्घटना का दूसरा प्रमुख कारण ग्रामीण अंचलों की सड़कों के किनारों (पटरियों) पर अतिक्रमण को बताया गया है, जिसके कारण मार्ग संकरा हो जाता है और दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। इस गंभीर लापरवाही के लिए संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है, ताकि सड़कों की पटरियां अतिक्रमण मुक्त हो सकें और ऐसी दुर्घटनाओं का कारण न बनें। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे संभाग में सड़क सुरक्षा और परिवहन विभाग के नियमन पर गहन मंथन की आवश्यकता को सामने ला दिया है।
