एसपी कार्यालय में युवती की विचलित करने वाली गुहार: चौरहटा पुलिस की 'प्रताड़ना' से तंग आकर मांगी इच्छा मृत्यु Aajtak24 News

एसपी कार्यालय में युवती की विचलित करने वाली गुहार: चौरहटा पुलिस की 'प्रताड़ना' से तंग आकर मांगी इच्छा मृत्यु Aajtak24 News

रीवा - रीवा जिले के चौरहटा थाना क्षेत्र से एक बेहद संवेदनशील और गंभीर मामला सामने आया है, जिसने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्राम जोंहि निवासी एक युवती भावना मिश्रा ने सीधे पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय पहुंचकर पुलिस पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए और न्याय न मिलने की स्थिति में इच्छा मृत्यु की मांग कर सबको स्तब्ध कर दिया। युवती का आरोप है कि चौरहटा पुलिस ने उसके खिलाफ फर्जी प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर दी है, जिससे उसका जीवन और भविष्य बर्बाद हो गया है।

फर्जी FIR और प्रताड़ना के गंभीर आरोप

भावना मिश्रा ने SP कार्यालय में बताया कि उसके खिलाफ 14 नवंबर 2025 की जिस मारपीट की घटना को लेकर FIR दर्ज की गई है, उसकी जानकारी उसे घटना के लगभग एक साल बाद नोटिस आने पर मिली। पीड़िता ने स्पष्ट दावा किया कि जिस दिन की घटना FIR में बताई गई है, उस दिन वह कॉलेज में उपस्थित थी और उसका किसी भी तरह के लड़ाई-झगड़े या विवाद से कोई संबंध नहीं था। युवती ने अपनी शिकायत में गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उसका बुआ का लड़का विजय नारायण द्विवेदी लंबे समय से उसका पीछा कर रहा था और उसे परेशान कर रहा था। युवती का दावा है कि विजय नारायण द्विवेदी के मौसा थाने में मुंशी थे, और इसी प्रभाव और दबाव का इस्तेमाल करके चौरहटा पुलिस ने उसके नाम पर गलत और फर्जी FIR दर्ज कर दी।

"पुलिस ने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी"

पीड़िता भावना मिश्रा ने भरे मन से SP कार्यालय में कहा, "पुलिस ने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी है। इस फर्जी FIR के कारण मेरा भविष्य खत्म हो गया है। उसने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि "अगर अब भी मेरी सुनवाई नहीं हुई, तो मेरे पास मौत के सिवा कोई रास्ता नहीं है। या तो पुलिस मुझे मार दे… या मैं खुद मर जाऊँगी। इस पूरे घटनाक्रम ने चौरहटा थाने को एक बार फिर सवालों के घेरे में ला दिया है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इस तरह इच्छा मृत्यु की मांग किए जाने से पूरे प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई है। अब सबकी नज़र इस बात पर टिकी है कि पुलिस अधीक्षक (SP) युवती की इस गंभीर और विचलित कर देने वाली गुहार पर क्या कार्रवाई करते हैं और क्या निष्पक्ष जांच के आदेश दिए जाते हैं।



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