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| खरीदी केंद्र में धान बेचते पकड़ा गया व्यापारी, धान से भरे तीन वाहन जब्त Aajtak24 News |
मऊगंज - मऊगंज जिले में धान खरीदी के दौरान बिचौलियों और अवैध कारोबारियों पर प्रशासन की सख्ती दिखनी शुरू हो गई है। जिले के नईगढ़ी विकासखंड अंतर्गत बंधवा धान खरीदी केंद्र पर उस समय हड़कंप मच गया, जब एक कथित व्यापारी एक साथ तीन मिनी ट्रकों (दो पिकअप और एक मिनी ट्रक) में भारी मात्रा में धान भरकर बेचने पहुंचा। शंका होने पर किसानों और खरीदी केंद्र के कर्मचारियों ने गोपनीय तौर पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी। नईगढ़ी थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए धान से भरे तीनों वाहनों को जब्त कर थाने में खड़ा करा लिया है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब "दैनिक आज तक 24" ने पहले ही पंजीयन के दौरान बिचौलियों की सक्रियता की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था।
बिचौलियों को बेनकाब करने वाली कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, पकड़े जाने के बाद उक्त व्यापारी जब्त की गई धान को किसानों की बताकर अपनी गर्दन बचाने की कोशिश कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि अब कुछ किसान भी थाना पहुंचकर यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि यह धान उनकी है। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब धान खरीदी केंद्र में पहुंची थी, तब वह धान किसान की नहीं बताई गई थी। व्यापारी ने स्वयं भी खरीदी केंद्र में किसी किसान की धान होने का दावा नहीं किया, बल्कि उपार्जन केंद्र के रजिस्टर में गाड़ी नंबर सहित धान को अपने नाम से ही दर्ज कराया था। पकड़े जाने के बाद अब किसान की धान बताने का प्रयास केवल जांच को भटकाने की रणनीति लग रही है।
सस्ते दामों पर खरीदी, किसानों के नाम पर बिक्री की कोशिश
गौरतलब है कि मऊगंज और रीवा जिले में कुछ व्यापारी अवैध रूप से उत्तर प्रदेश एवं क्षेत्र के किसानों से सस्ते दामों पर धान की खरीद करते हैं। इसके बाद वे कुछ किसानों को निश्चित कमीशन देकर उनके खाते का उपयोग करते हुए इस धान को सरकारी खरीदी केंद्रों में ऊंचे समर्थन मूल्य पर बेचने की कोशिश करते हैं। हाल ही में बैकुंठपुर में भी एक व्यापारी के यहां से लगभग 2000 किलो धान और कोदौ पकड़ा गया था, जिससे बिचौलियों के यहां भंडारित धान और किसानों के नाम पर बिक्री के प्रयासों का खुलासा हुआ था। बंधवा उपार्जन केंद्र में बिक्री होने से पहले व्यापारी की धान पकड़े जाने की इस बड़ी खबर ने उन सभी व्यापारियों में हड़कंप मचा दिया है जो अन्य खरीदी केंद्रों में इसी तरह अपनी अवैध धान को किसानों के नाम पर खपाने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस और प्रशासन द्वारा इस मामले की गहन जांच जारी है ताकि बिचौलियों के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
