रीवा - ब्यूरो रिपोर्ट जिले के गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत माहिया गांव के समीप शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। नहर की तेज धार में मोटरसाइकिल सहित गिरने से पिता और उनकी एक पुत्री की डूबने से मौत हो गई, जबकि दूसरी पुत्री गंभीर रूप से घायल है।
कैसे हुआ हादसा? जानकारी के अनुसार, माहिया निवासी गणेश दत्त चतुर्वेदी (40 वर्ष) किसी कार्य से रीवा शहर गए हुए थे। लौटते समय वे अपनी दो बेटियों के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर घर वापस आ रहे थे। माहिया गांव के पास नहर की सड़क पर मिट्टी में दरार होने के कारण अचानक मोटरसाइकिल अनियंत्रित हो गई और सीधे उफनती हुई नहर में जा गिरी। स्थानीय लोगों का प्रयास और रेस्क्यू हादसा होते ही आसपास मौजूद ग्रामीणों ने शोर मचाना शुरू किया और तीनों को बचाने का प्रयास किया। एक बेटी नहर के किनारे (ऊपरी हिस्से) ही गिर गई थी, जिसे तत्काल बचाकर इलाज के लिए संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन नहर की गहराई और पानी का बहाव इतना तेज था कि गणेश दत्त और उनकी दूसरी बेटी पानी के सैलाब में बह गए। ग्रामीणों की सूचना पर गोविंदगढ़ पुलिस मौके पर पहुँची और SDRF (राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल) को सूचित किया गया। शुक्रवार सुबह SDRF टीम के सदस्य विकास पांडे और उनकी टीम ने सर्चिंग ऑपरेशन चलाया, जिसके बाद पिता और पुत्री के शव बरामद किए गए।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल इस घटना के बाद से पूरे माहिया गांव में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों में जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश है। सूत्रों का कहना है कि:
रीवा जिले में नहरों का जाल तो बिछा है, लेकिन उनके किनारे बनी सड़कों की हालत जर्जर है। सड़कों पर मिट्टी धंसने और सुरक्षा दीवार (Barricades) न होने के कारण आए दिन ऐसे हादसे हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बार-बार शिकायत के बावजूद नहर की सड़कों की मरम्मत नहीं कराई जा रही है। डॉक्टरों की निगरानी में एक बेटी अस्पताल में भर्ती बेटी की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन पिता और बहन को खोने का गम परिवार पर पहाड़ बनकर टूटा है। पुलिस ने मर्ग कायम कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
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