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| सैलून से आईपीएल के शिखर तक: रीवा के 'रफ़्तार किंग' कुलदीप सेन को राजस्थान रॉयल्स ने 75 लाख में खरीदा Aajtak24 News |
रीवा - मध्य प्रदेश के छोटे से शहर रीवा के लिए आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। विंध्य की माटी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यदि हौसलों में जान हो, तो अभावों की ज़मीन से भी सफलता का आसमान छुआ जा सकता है। रीवा के तेज़ तर्रार गेंदबाज़ कुलदीप सेन ने आईपीएल (IPL) 2026 के ऑक्शन में एक बार फिर अपनी धाक जमाई है। उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 75 लाख रुपये की बड़ी बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल किया है। यह जीत केवल एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि उस अटूट संघर्ष की है जिसने तंग गलियों से निकलकर क्रिकेट के सबसे बड़े मंच तक का सफर तय किया।
रफ़्तार और धार का संगम
कुलदीप सेन की पहचान उनकी 145-150 किमी/घंटा की रफ्तार और गेंद को हवा में स्विंग कराने की क्षमता है। राजस्थान रॉयल्स ने उन पर जो भरोसा जताया है, वह उनकी पिछली प्रदर्शन और निरंतरता का परिणाम है। इससे पहले कुलदीप पंजाब किंग्स की टीम का हिस्सा रह चुके हैं, जहाँ उन्होंने अपनी आग उगलती गेंदों से दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज़ों को क्रीज छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। उनकी गेंदबाज़ी में दिखने वाली आक्रामकता और आत्मविश्वास ही उन्हें एक विशिष्ट तेज़ गेंदबाज़ बनाता है।
संघर्षों की भट्टी में तपकर बने 'हीरा'
कुलदीप सेन की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। उनके पिता रामपाल सेन आज भी रीवा के सिरमौर चौक के पास एक छोटी सी सैलून की दुकान चलाते हैं। एक समय था जब कुलदीप के पास जूते खरीदने के पैसे नहीं होते थे, लेकिन उन्होंने कभी अपनी परिस्थितियों को अपने सपनों के आगे नहीं आने दिया। पिता ने अपनी मेहनत की कमाई से बेटे के सपनों को सींचा, और आज जब करोड़ों की लीग में उनके बेटे के नाम की गूंज सुनाई देती है, तो पूरे परिवार की आँखों में खुशी के आँसू छलक आते हैं। यह सफलता उस हर मध्यमवर्गीय परिवार की जीत है जो अपने बच्चों की प्रतिभा पर भरोसा करता है।
रीवा की गलियों से अंतरराष्ट्रीय पहचान तक
छोटे शहर से निकलकर आईपीएल जैसे वैश्विक और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी मंच तक पहुँचना एक कठिन चुनौती होती है। कुलदीप ने न केवल अपनी शारीरिक क्षमता पर काम किया, बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को मज़बूत बनाया। रीवा के स्थानीय मैदानों पर अभ्यास करते हुए उन्होंने अपनी रफ़्तार को धार दी। आज वह न केवल रीवा बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए एक बड़े 'यूथ आइकन' बन चुके हैं। उनकी सफलता ने विंध्य क्षेत्र के सैकड़ों उभरते क्रिकेटरों को यह यकीन दिलाया है कि आईपीएल की चमक-धमक वाली दुनिया उनसे दूर नहीं है।
राजस्थान रॉयल्स के साथ नई पारी का इंतज़ार
राजस्थान रॉयल्स की टीम अपनी युवा प्रतिभाओं को तराशने के लिए जानी जाती है। ऐसे में कुलदीप सेन का इस टीम से जुड़ना उनके करियर के लिए एक नया मोड़ साबित हो सकता है। क्रिकेट प्रेमियों को अब बेसब्री से इंतज़ार है कि कब वह गुलाबी जर्सी में मैदान पर उतरेंगे और अपनी रफ़्तार से बल्लेबाज़ों के होश उड़ाएंगे। कुलदीप सेन की यह उपलब्धि यह संदेश देती है कि प्रतिभा किसी सुख-सुविधा की मोहताज नहीं होती। मेहनत, लगन और खुद पर यकीन हो, तो रीवा का बेटा भी दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियमों में अपनी रफ़्तार का डंका बजा सकता है।
