जवा जनपद में ‘टीएस’ के नाम पर खुली लूट: मुख्यालय से 70 KM दूर रीवा में डेरा डाल एई कर रहे मनमानी Aajtak24 News

जवा जनपद में ‘टीएस’ के नाम पर खुली लूट: मुख्यालय से 70 KM दूर रीवा में डेरा डाल एई कर रहे मनमानी Aajtak24 News

रीवा - जवा जनपद पंचायत में इन दिनों अफसरशाही की मनमानी अपने चरम पर है, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। आरोप है कि जनपद में पदस्थ सहायक अभियंता (AE) महोदय अपना मुख्यालय जवा से लगभग 70 किलोमीटर दूर रीवा शहर में बैठकर चला रहे हैं। उनकी इस मनमानी का खामियाजा आम जनता और ग्राम पंचायतों को भुगतना पड़ रहा है।

मुख्यालय खाली, शहर में बैठ कर रहे ‘टीएस’

जनपद पंचायत जवा के कार्यालय में अक्सर अधिकारियों की कुर्सियां खाली रहती हैं, जिसके कारण दूर-दराज से आने वाले जरूरतमंद लोग यहाँ-वहाँ भटकने को मजबूर हैं। सूत्रों के अनुसार, एई महोदय ने मुख्यालय में रहने के बजाय रीवा शहर को अपना डेरा बना लिया है और वे वहीं से जनपद के कामकाज का टेक्निकल सेंक्शन (TS) करते हैं। इस कार्यशैली के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-बड़े निर्माण कार्यों की फाइलें महीनों से दबी पड़ी हैं, क्योंकि बिना टीएस के कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।

‘दो प्रतिशत’ बिना नहीं होती कोई सेवा

सबसे गंभीर आरोप यह है कि एई साहब ने ‘दो प्रतिशत बिना सेवा नहीं’ का नियम लागू कर रखा है। सूत्रों का दावा है कि श्रीमान एई साहब किसी भी निर्माण कार्य का टीएस तभी करते हैं जब संबंधित फाइल में ‘दो प्रतिशत का विशेष प्रसाद’ चढ़ाया जाए। बिना इस ‘चढ़ावे’ के तो वे ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों को बैठक देने या फाइल पर हस्ताक्षर करने तक को तैयार नहीं होते। इस खुली वसूली के कारण ग्राम पंचायतों में सड़क, नाली, और अन्य महत्वपूर्ण निर्माण कार्य महीनों से लटके पड़े हैं। ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों की जेब गर्म हुए बिना साहब की नज़र किसी भी फाइल पर नहीं पड़ती है।

कोनी कला सड़क बनी मनमानी का जीता जागता उदाहरण

एई की इस मनमानी का जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत कोनी कला में देखने को मिला है। वर्षों के संघर्ष के बाद यहाँ सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ था और आधा काम पूरा भी हो गया था, लेकिन एई साहब के टीएस न करने के कारण आगे का निर्माण रुक गया है और सड़क आधी अधूरी अटकी पड़ी है। हाल ही में, जब क्षेत्रीय भाजपा विधायक सड़क की बदहाली देखने मौके पर पहुंचे, तो जनता ने अपना दर्द उनके सामने रखा। स्थानीय लोगों ने विधायक से साफ कहा: "साहब टीएस नहीं कर रहे हैं, इसलिए आधी सड़क अधूरी अटकी पड़ी है।"

सवाल बड़ा है: क्या अफसरशाही पर लगेगी लगाम?

जवा जनपद में एक ओर जहाँ जनता मूलभूत सुविधाओं, खासकर सड़क और पानी के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारी मुख्यालय छोड़कर शहर में बैठकर केवल 'परसेंटेज' की चिंता में डूबे हैं।

इस स्थिति ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं:

  • क्या जवा जनपद में फाइलें 'काम' देखकर आगे बढ़ेंगी या 'चढ़ावा' देखकर?

  • क्या आम जनता को उसका हक मिलेगा या एई साहब की मनमानी ऐसे ही चलती रहेगी?

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि विकास कार्यों में आई बाधा दूर हो सके और जवा जनपद में अफसरशाही की मनमानी पर लगाम लग सके।

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