नशा बनाम सत्ता': राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी का सगा भाई 46 KG गांजे के साथ गिरफ्तार, प्रदेश में हड़कंप Aajtak24 News

नशा बनाम सत्ता': राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी का सगा भाई 46 KG गांजे के साथ गिरफ्तार, प्रदेश में हड़कंप Aajtak24 News

रीवा -मध्यप्रदेश में अवैध मादक पदार्थों के अंतरराज्यीय नेटवर्क पर पुलिस ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। इस बार, यह मामला प्रदेश की राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के परिवार से जुड़ा है। सतना जिले के रामपुर बाघेलान थाना क्षेत्र में राज्यमंत्री के सगे भाई अनिल बागरी को 46 किलोग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया गया है। इस घटना ने न केवल विंध्य क्षेत्र बल्कि पूरे प्रदेश के राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है।

सगे भाई के पास 46 किलो गांजा बरामद

रामपुर बाघेलान थाना पुलिस ने शनिवार को एक गोपनीय सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, भरहुत नगर, हरदुआ क्षेत्र निवासी अनिल बागरी (जो राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के सगे भाई बताए जा रहे हैं) को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनके साथ पंकज सिंह, निवासी मतहा, को भी दबोचा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों आरोपी एक वाहन में भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ छिपाकर कहीं ले जाने की फिराक में थे। पुलिस ने घेराबंदी करके दोनों को रंगे हाथ पकड़ा। बरामद किए गए गांजे की मात्रा 46 किलोग्राम है, जिसकी बाजार कीमत लाखों रुपये में आंकी जा रही है।

नशा नेटवर्क में पहले भी जुड़ा था परिवार का नाम

यह पहली बार नहीं है जब राज्यमंत्री के परिजन अवैध तस्करी के मामले में सुर्खियों में आए हों। इस ताजा गिरफ्तारी से पहले, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के जीजा शैलेंद्र सिंह को भी उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के नरैनी थाना क्षेत्र में गांजे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शैलेंद्र सिंह के पास से उस समय 10 किलो 400 ग्राम गांजा बरामद हुआ था। वर्तमान में शैलेंद्र सिंह फरार बताया जा रहा है। सतना पुलिस को आशंका है कि शैलेंद्र सिंह इस अंतरराज्यीय नशा तस्करी नेटवर्क में अब भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। पुलिस की टीमें फरार आरोपी की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं और इस पूरे नेटवर्क की कड़ियों को खोलने की कोशिश कर रही हैं।

अंतरराज्यीय गैंग की आशंका और गहन जांच

पुलिस अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच के आधार पर आशंका जताई है कि यह नशीले पदार्थों की तस्करी का नेटवर्क बड़े स्तर पर काम कर रहा है और इसके तार अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोन, वाहन, बैंक खातों, संपर्क सूत्रों और कॉल रिकॉर्ड की गहन जांच कर रही है। पुलिस का लक्ष्य केवल आरोपियों को पकड़ना नहीं, बल्कि पूरे सफेदपोश नशा माफिया नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंकना है। अधिकारियों का मानना है कि इस प्रकार की बड़ी खेप की बरामदगी किसी छोटे स्तर के तस्कर का काम नहीं हो सकता।

राजनीतिक हलचल और उच्च स्तरीय जांच की मांग

राज्यमंत्री के सगे भाई की गिरफ्तारी ने क्षेत्र के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भूचाल ला दिया है।

  • पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने इस पूरे मामले को लेकर राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

  • उन्होंने मांग की है कि राजनीतिक प्रभाव के दुरुपयोग की आशंका को देखते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस अवैध कारोबार को सत्ता का मौन संरक्षण तो प्राप्त नहीं था।

विंध्य वसुंधरा की पूर्व चेतावनी सिद्ध हुई

यह घटना विंध्य वसुंधरा समाचार और दैनिक आज तक 24 जैसे स्थानीय मीडिया आउटलेट्स की पूर्व चेतावनियों को बल देती है। इन प्रकाशनों ने पूर्व में कई बार यह मुद्दा उठाया था कि रीवा संभाग में सफेदपोश नेताओं के करीबियों द्वारा अवैध नशीले व्यापार को संरक्षण मिल रहा है—चाहे वह मेडिकल नशा, अवैध शराब हो या गांजा। हालांकि, इस घटना ने रीवा संभाग के आईजी गौरव राजपूत की कार्यशैली को भी सुर्खियों में ला दिया है। पिछले कुछ महीनों में आईजी राजपूत द्वारा लगातार की गई सख्त कार्रवाई, जिसमें राजनीतिक दबाव को पूरी तरह दरकिनार किया गया, सराहनीय है। उनकी दृढ़ता ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब शीर्ष अधिकारी कड़े इरादे से कार्रवाई करते हैं, तो राजनीतिक संरक्षण या पहुंच कानून के सामने टिक नहीं पाती।

सत्ता और कानून का संघर्ष

इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि सत्ता के गलियारों तक पहुंच रखने वाले लोगों के करीबियों द्वारा किया गया कोई भी अपराध कानून की निगाहों से बच नहीं सकता। आईजी राजपूत की कार्रवाई से नशा माफिया के नेटवर्क की कमर टूटने की शुरुआत हो चुकी है। यह घटना उन तमाम आरोपों की पुष्टि करती है जिनमें कहा जाता रहा है कि प्रदेश की सर्वोच्च पंचायत (विधानसभा) पर बैठे हुए प्रमुख लोगों के करीबी इस तरह के अवैध व्यवसाय में संलिप्त हैं। दैनिक आज तक 24 और अन्य समाचार स्रोत यद्यपि केवल आरोप-प्रत्यारोप के आधार पर खबर तैयार कर रहे हैं, किंतु पुलिस जांच उपरांत यदि ये आरोप सही पाए गए तो यह पूरे प्रदेश के लिए एक चौंकाने वाला खुलासा होगा। यदि विपक्ष द्वारा उठाई गई उच्च स्तरीय जांच की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया और राजनीतिक प्रभाव के दुरुपयोग पर पर्दा डालने की कोशिश की गई, तो आने वाले समय में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। फिलहाल, सतना पुलिस द्वारा की गई यह साहसी कार्रवाई पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।





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