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| बड़ा घोटाला उजागर: कंप्यूटरीकृत खसरा हेराफेरी में SDM की रिपोर्ट पर 7 आरोपी नामजद, BNS की गंभीर धाराओं में FIR दर्ज Aajtak24 News |
मऊगंज - मऊगंज जिले के हनुमना तहसील क्षेत्र में लंबे समय से चर्चाओं में रहे कंप्यूटरीकृत खसरा हेराफेरी प्रकरण में आखिरकार प्रशासन ने निर्णायक और बड़ी कार्रवाई की है। हनुमना के अनुविभागीय दंडाधिकारी (SDM) द्वारा भेजी गई आधिकारिक जांच रिपोर्ट और अनुशंसा के आधार पर, हनुमना थाना पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की अत्यंत गंभीर धाराओं – 318(4), 322, 337 और 338 – के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है। शुक्रवार की शाम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एडिशनल एसपी) विक्रम सिंह ने प्रेस वार्ता आयोजित की और इस महत्वपूर्ण कार्रवाई की विस्तृत जानकारी मीडिया के सामने साझा की। इस कार्रवाई ने स्पष्ट संकेत दिया है कि सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी करने वाले तत्वों के खिलाफ प्रशासन अब 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपना रहा है।
SDM के पत्र पर एक्शन, नायब तहसीलदार बने फरियादी
एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि नायब तहसीलदार बुद्धसेन मांझी स्वयं थाना हनुमना पहुंचे और SDM कार्यालय द्वारा जारी पत्र क्रमांक 374/प्रवा/2025, दिनांक 14 नवंबर 2025 की प्रति पुलिस को सौंपते हुए एफआईआर दर्ज करने का निवेदन किया। SDM के पत्र में यह गंभीर आरोप लगाया गया था कि ग्राम कोलहा, पटवारी हल्का धौसड़, राजस्व निरीक्षक मंडल पहाड़ी के आराजी नंबर 353 (रकवा 0.170 हेक्टेयर) की खसरा प्रविष्टियों में वर्ष 2007-08 से 2009-10 के बीच अवैध तरीके से और जानबूझकर बदलाव किए गए। यह पूरी अनियमितता तब उजागर हुई जब यह मामला हाईकोर्ट जबलपुर तक पहुंचा। हाईकोर्ट ने (WPNO 10521/2011, निर्णय 11 फरवरी 2013) में इस मामले की विभागीय जांच करने और दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। जांच में यह सिद्ध हुआ कि सरकारी अभिलेखों में धोखाधड़ी, कूटरचना (Forgery), छल और बेईमानी कर खसरा प्रविष्टियों में हेराफेरी की गई थी।
इन सात आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR
SDM द्वारा प्रस्तुत व्यापक जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने सात व्यक्तियों को नामजद आरोपी बनाते हुए एफआईआर दर्ज की है। इन आरोपियों में सामान्य नागरिकों के साथ-साथ सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी पद का दुरुपयोग किया:
रवीन्द्र पिता स्वामीशरण, निवासी पैतिहा, जिला प्रयागराज (उ.प्र.)
भगोले पिता रामदास नाई, निवासी कोलहा, हनुमना
गल्होरे पिता भगोले नाई, निवासी कोलहा
लछिमन पिता भगोले, निवासी कोलहा
मिथिला प्रसाद पिता सुमंतराम, पूर्व पेशकार, तहसील हनुमना
यशोदानंदन दीपांकर, तत्कालीन पटवारी, हर्दिहाई
सी.एस. पटेल (चन्द्रसेन पटेल), तत्कालीन कंप्यूटर ऑपरेटर, तहसील हनुमना
पुलिस को निर्देशित किया गया है कि इस संवेदनशील और जटिल प्रकरण की गहन एवं विधिसंगत जांच कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। SDM ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी हो, इस पत्र की प्रतिलिपि कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और SDOP मऊगंज को भी भेजी थी।
पुरानी कंप्यूटरीकरण की खामियाँ आई सामने
यह आपराधिक मामला केवल एक स्थानीय अनियमितता नहीं है, बल्कि यह रीवा संभाग में वर्ष 1999 के बाद शुरू हुए कंप्यूटरीकृत खसरा-नक्शे तैयार करने की प्रक्रिया में आई पुरानी खामियों को भी उजागर करता है। जांच में सामने आया कि कई क्षेत्रों में कंप्यूटरीकरण के दौरान मूल खसरा नक्शों की वास्तविक स्थिति दर्ज ही नहीं की गई थी, जिसके कारण—
कई संस्थाओं की भूमि का रिकॉर्ड,
वृक्षों के रिकॉर्ड,
कूप (कुएं), तालाब सहित जलस्रोतों का ब्यौरा,
और उल्लेखित भूमि सीमाएं,
इन सभी का मिलान मूल राजस्व अभिलेखों या नक्शों से नहीं हो पा रहा था। मनगवा तहसील अंतर्गत भी पटवारी हल्का गढ़, भूमि क्रमांक 146, 51/आदी समेत अनेक खसरा नंबरों में इसी प्रकार की विसंगतियाँ सामने आई थीं।मऊगंज जिले का यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचने के बाद अब विभागीय जांच और आपराधिक कार्रवाई की राह पर है।
आगे की कार्रवाई
प्रकरण अब पुलिस विवेचना के अधीन है। राजस्व अभिलेखों में धोखाधड़ी, कूटरचना और अवैध छेड़छाड़ जैसे गंभीर मामलों में शामिल दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एडिशनल एसपी ने स्पष्ट किया है कि पुलिस की जांच में और भी तथ्य सामने आ सकते हैं, जिससे इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है। प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से राजस्व विभाग के कर्मचारियों और बिचौलियों में हड़कंप मच गया है।
