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| मर्यादा की सीमा लांघी! बाल दिवस पर छात्राओं संग शिक्षक का भोजपुरी गाने पर डांस Aajtak24 News |
मऊगंज - जिले के शिक्षा विभाग में एक बार फिर अनुशासनहीनता का बड़ा मामला सामने आया है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, इटहा कला में बाल दिवस (14 नवंबर) के कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के एक शिक्षक और छात्राओं का भोजपुरी गीत पर डांस करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस घटना ने स्कूल की मर्यादा और शिक्षा विभाग की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शिक्षक और छात्राओं का 'डिस्को' मंच पर
वायरल वीडियो में विद्यालय के शिक्षक राजबिहारी साकेत छात्राओं के साथ मंच पर भोजपुरी के चर्चित गीत "हमार पियवा चलाबैं डीजल गाड़िया" पर नृत्य करते दिखाई दे रहे हैं। अभिभावकों और स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि स्कूल जैसे पवित्र और शैक्षिक स्थान पर ऐसे गीतों पर डांस करना और अनुशासन को भंग करना बिल्कुल अनुचित है।
BEO के ही स्कूल में बड़ी लापरवाही
यह मामला इसलिए भी ज्यादा गंभीर हो जाता है, क्योंकि यह विद्यालय नईगढ़ी जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आता है और इसके प्राचार्य एच.एल. साकेत ही वर्तमान में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) नईगढ़ी के पद पर भी कार्यरत हैं। जिस अधिकारी पर पूरे ब्लॉक की शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है, उनके ही स्कूल में ऐसी गंभीर लापरवाही सामने आना, शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सीधे उंगली उठाता है।
BEO का लापरवाही भरा जवाब
जब इस वायरल वीडियो और अनुशासनहीनता को लेकर प्राचार्य (और BEO) एच.एल. वर्मा (साकेत) से प्रतिक्रिया ली गई, तो उनका जवाब बेहद सामान्य रहा। उन्होंने केवल इतना कहा, "मामला संज्ञान में आया है, देखता हूँ।" शिक्षा व्यवस्था से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का इस तरह का उदासीन जवाब मामले की गंभीरता के प्रति उनकी लापरवाही को दर्शाता है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के निर्देश
मामले की गंभीरता को देखते हुए, जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) रामराज प्रसाद मिश्र ने तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने पुष्टि की कि यह वीडियो 14 नवंबर का है और उन्होंने BEO नईगढ़ी को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। DEO मिश्र ने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी शिक्षक पर उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने शिक्षकों को साफ निर्देश देने की बात कही, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों और स्कूलों में मर्यादा बनी रहे। यह घटना मऊगंज जिले में शिक्षा व्यवस्था पर लगातार उठ रहे सवालों को फिर से बल देती है और विभाग को स्कूलों में निगरानी और मर्यादा के नियमों को लेकर सख्त होने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
