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| रीवा: NH-30 का तेंदुआ कोठार बना 'मौत का रास्ता', अधूरे निर्माण ने निगली पाँचवीं ज़िंदगी Aajtak24 News |
रीवा/गढ़: -रीवा जिले के गढ़ क्षेत्र स्थित तेंदुआ कोठार में 9 नवंबर को हुए भीषण सड़क हादसे ने राष्ट्रीय राजमार्ग-30 (NH-30) के अधूरे निर्माण की पोल खोल दी है। इस दुर्घटना में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, और अब गंभीर रूप से घायल एक और व्यक्ति ने इलाज के दौरान रीवा के संजय गांधी अस्पताल में दम तोड़ दिया है, जिससे मृतकों की संख्या पाँच हो गई है। मृतक की पहचान अखिलेश पिता गुंडे, निवासी बजवाना, देवरा करछना (इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश) के रूप में हुई है, जिनका शव परीक्षण 11 नवंबर को किया जाएगा।
लापरवाही बनी हादसे का कारण:
स्थानीय ग्रामीणों और प्रत्यक्षदर्शियों का स्पष्ट आरोप है कि यह सामूहिक मौत प्रशासन और ठेकेदारों की घोर लापरवाही का परिणाम है। राष्ट्रीय राजमार्ग-30 का निर्माण वर्षों पहले शुरू हुआ था, लेकिन अधूरे डिवाइडर, गहरे गड्ढे, गायब पटरियाँ, और टूटी सर्विस रोड ने इसे 'मौत का रास्ता' बना दिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क पर वाहनों की गति (स्पीड) किलोमीटर प्रति घंटा के लिए निर्धारित है, लेकिन सड़क की जर्जर स्थिति और चेतावनी संकेतों का पूर्ण अभाव दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है। बरसात में जलभराव और अंधे मोड़ों पर प्रकाश की कमी जैसी गंभीर खामियों के बावजूद, संबंधित विभाग आंखें मूंदे हुए हैं। सर्विस रोड का काम अधूरा छोड़ने के कारण मुख्य मार्ग पर भारी वाहनों का अत्यधिक दबाव रहता है, जिसने चाकघाट से रीवा मार्ग तक दुर्घटनाओं की दर बढ़ा दी है।
जनता का आक्रोश और मांगें:
स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर तीव्र आक्रोश है कि हर दुर्घटना के बाद प्रशासन सिर्फ दिखावा करता है। केवल ₹50,000 की तात्कालिक सहायता देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। लोगों ने सवाल उठाया है कि आखिर सड़क निर्माण में गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन करने वाले ठेकेदारों और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं होती?
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से निम्नलिखित ठोस कार्रवाई की मांग की है:
राष्ट्रीय राजमार्ग-30 के अधूरे और खतरनाक हिस्सों का तत्काल सर्वे कर निर्माण कार्य पूरा किया जाए।
सड़क सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों, इंजीनियरों और ठेकेदारों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाएं।
स्थायी सर्विस रोड और सुरक्षित डिवाइडर का निर्माण तत्काल शुरू किया जाए।
जनता की आवाज स्पष्ट है: "हादसों की कीमत इंसानी जानों से नहीं चुकाई जानी चाहिए। सरकार और प्रशासन जिम्मेदारी तय करे, दोषियों को सजा दे और सड़क को सुरक्षित बनाए।" लोगों का कहना है कि प्रशासन बड़ी दुर्घटनाओं के इंतजार में न बैठे, बल्कि तत्काल गढ़ बाजार और पुरानी राष्ट्रीय राजमार्ग 27 सहित सभी बदहाल सड़कों की मरम्मत शुरू करे।
