रीवा: गढ़ थाना भूमि पर हाट बाजार निर्माण से गहराया विवाद; ग्रामीणों ने लगाया सरकारी जमीन हड़पने का आरोप

रीवा: गढ़ थाना भूमि पर हाट बाजार निर्माण से गहराया विवाद; ग्रामीणों ने लगाया सरकारी जमीन हड़पने का आरोप 

रीवा - रीवा जिले की मंनगवा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत गढ़ में स्थित पुरानी थाना भूमि पर हाट बाजार निर्माण की प्रक्रिया शुरू होते ही स्थानीय ग्रामीणों में रोष और विवाद गहरा गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि शासकीय जमीन पर हाट बाजार बनाने की आड़ में अवैध अतिक्रमण और व्यावसायिक कब्जा करने की कोशिश की जा रही है।

विवादित भूमि का विवरण: विवादित भूमि का खसरा नंबर 77 है, जो पूर्व के रिकॉर्ड (58, 59 की खतौनी) में दर्ज था। यह भूमि पहले गढ़ थाना का मुख्य भवन हुआ करती थी और वर्तमान राजस्व रिकॉर्ड में भी अभी यह पुलिस विभाग के नाम दर्ज है। पुराना भवन गिरा दिया गया है, लेकिन इसके दो कमरे और पुलिस क्वार्टर आज भी इसी भूमि पर मौजूद हैं, जो इसके शासकीय उपयोग को प्रमाणित करते हैं।

ग्रामीणों के गंभीर आरोप: ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि यह भूमि वर्षों से सार्वजनिक और शासकीय उपयोग में रही है, लेकिन अब जनपद पंचायत स्तर पर अधिकारियों की मिलीभगत से इसे व्यावसायिक प्रयोजन हेतु हाट बाजार के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों का आरोप है कि जिस विभाग पर सरकारी जमीन की सुरक्षा का दायित्व है, वही विभाग बहुमूल्य संपत्ति को निजी लाभ के लिए प्रयोग किए जाने की दिशा में काम कर रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि यदि यह हाट बाजार बन भी गया तो इसका सीधा लाभ कुछ चुनिंदा व्यक्तियों को होगा, जबकि सार्वजनिक हित पूरी तरह प्रभावित होगा।

जनपद अध्यक्ष पर उठे सवाल: सूत्रों के अनुसार, जनपद पंचायत गंगेव के वर्तमान अध्यक्ष विकास तिवारी पर पहले भी रीवा अल्प आय वर्ग समिति में पदस्थ रहते हुए गंभीर अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं। अब जनपद पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद क्षेत्र की मूल्यवान जमीन को व्यावसायिक परियोजनाओं में बदलने की तैयारी होने की चर्चा तेज है। पूर्व जनपद उपाध्यक्ष संजय पांडे ने भी समिति की कार्यप्रणाली को लेकर पहले गंभीर आरोप जड़े थे, जिससे इस नए प्रकरण पर संदेह और गहरा जाता है।

पुलिस अधीक्षक का सख्त रुख: मामले की गंभीरता को देखते हुए, गढ़ थाना क्षेत्र के भ्रमण के दौरान पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान ने सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी परिस्थिति में शासकीय संस्था की भूमि को हड़पने नहीं दिया जाएगा। एसपी चौहान ने राजस्व और पुलिस अधिकारियों को तत्काल रिकॉर्ड दुरुस्त करने तथा यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि पुरानी थाना भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण, अतिक्रमण या व्यावसायिक उपयोग आरंभ न होने पाए। एसपी के इस बयान से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है, लेकिन वे अभी भी सतर्कता बनाए हुए हैं।



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