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उज्जैन निगमायुक्त अभिलाष मिश्रा ने जारी किया आदेश |
उज्जैन - सीवरेज प्रोजेक्ट में धीमी गति से काम करना मुंबई की कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को भारी पड़ गया। कई चेतावनी के बाद भी जब कार्य की स्पीड कंपनी ने नहीं बढ़ाई तो उज्जैन निगमायुक्त अभिलाष मिश्रा ने कंपनी को 3 वर्ष के लिए ब्लैकलिस्टेड कर दिया। इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। जानकारी अनुसार सीवरेज परियोजना के कार्य में लगातार धीमी गति और लापरवाही बरतने के कारण उज्जैन नगर निगम ने एक बड़ा फैसला लिया है। नगर निगमायुक्त अभिलाष मिश्रा ने आदेश जारी करते हुए मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड, मुंबई को 3 वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। जानकारी अनुसार शहर की सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को 2017 में कार्य आदेश जारी किया गया था। कंपनी को यह कार्य नवंबर 2019 तक पूरा करके देना था। समय सीमा समाप्त होने के बावजूद, काम पूरा नहीं हुआ। निगम और पीडीएमसी द्वारा कई रिमाइंडर और नोटिस दिए जाने के बावजूद, कंपनी ने टारगेट पूरा करने के लिए आवश्यक रफ्तार बढ़ाने में लगातार लापरवाही की।
कलेक्टर ने भी किया था निरीक्षण
जानकारी अनुसार 25 अक्टूबर को संभागायुक्त, कलेक्टर और निगमायुक्त मिश्रा ने स्वयं टाटा के कार्यों का निरीक्षण किया था। इसके बाद कंपनी को शो-कॉज नोटिस जारी करते हुए 10 नवंबर तक प्रतिदिन 305 से ज्यादा हाउस सर्विस कनेक्शन और 500 मीटर पाइप बिछाने का दैनिक टारगेट दिया गया था। कंपनी इस निर्धारित दैनिक टारगेट को पूरा करने में भी विफल रही।
शहरवासियों को हो रही है लगातार परेशानी
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की इस धीमी परफॉर्मेंस के कारण वर्तमान में चल रहे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। खासकर, सिंहस्थ 2028 के तहत चल रहे सड़क चौड़ीकरण और अन्य निर्माण कार्य जगह-जगह रुके हुए हैं, जिससे शहर के नागरिकों को भारी असुविधा हो रही है। निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा काम में लगातार देरी और प्रगति हासिल करने में नाकाम रहने के कारण कंपनी को तत्काल प्रभाव से आगामी तीन सालों के लिए नगर निगम के सभी विभागों से ब्लैकलिस्ट (प्रतिबंधित) किया जाता है।

