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| रीवा में 'आम रास्ता' भूमि के अवैध विक्रय पर रोक लगाने की मांग: अधिवक्ता वी के माला ने नगर निगम आयुक्त और महापौर को सौंपा आवेदन Aajtak24 News |
रीवा - रीवा नगर पालिक निगम क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रही अनियमित प्लाटिंग और रास्ते की भूमि के अवैध विक्रय को लेकर एक गंभीर मुद्दा सामने आया है। अधिवक्ता वी के माला ने जनहित और सामाजिक हित में नगर निगम आयुक्त और रीवा महापौर को एक विस्तृत आवेदन प्रेषित कर तत्काल प्रभावी कार्रवाई की मांग की है।
रास्ता भूमि का अवैध विक्रय गंभीर चिंता का विषय
आवेदन में बताया गया है कि वर्तमान में विभिन्न डेवलपर्स, फर्मों और प्लाटिंगकर्ताओं द्वारा नागरिकों को आकर्षक विज्ञापन और आश्वासन देकर प्लाट बेचे जा रहे हैं। हालांकि, अत्यंत चिंताजनक स्थिति यह है कि अधिकांश प्लाटिंग में जो भूमि मूल रूप से रास्ता के रूप में नियत और आरक्षित होती है, उसे भी भूमिस्वामी और प्लाटिंगकर्ता द्वारा अवैध रूप से विक्रय कर दिया जाता है। इसी अनियमितता के कारण आज रीवा के राजस्व न्यायालयों में रास्ता विवाद से संबंधित सैकड़ों प्रकरण विचाराधीन हैं। इसके चलते न केवल आम नागरिकों को भारी मानसिक और आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है, बल्कि माननीय न्यायालय का मूल्यवान समय भी अनावश्यक विवादों को सुलझाने में नष्ट हो रहा है।
राजस्व अभिलेखों में अस्पष्ट है मार्गों की स्थिति
अधिवक्ता माला ने यह भी इंगित किया कि रीवा नगर पालिक निगम के अधीन आने वाले अधिकांश मुख्य मार्ग, उप मार्ग, कॉलोनी मार्ग और आंतरिक गलियों का सही स्वरूप राजस्व अभिलेखों में दर्ज ही नहीं है। नगर निगम के राजस्व अमले द्वारा फील्ड निरीक्षण, गश्त या मौके पर जाकर सत्यापन का कोई नियमित सिस्टम न होने के कारण सड़कों के निर्माण, रखरखाव और विकास कार्यों में निरंतर बाधाएँ उत्पन्न होती हैं। मार्गों की यह अस्पष्ट स्थिति आए दिन विवादों और न्यायालयीन कार्रवाई को जन्म दे रही है।
'आम रास्ता' दर्ज करना अनिवार्य हो
जनहित और नगर विकास की दृष्टि से, आवेदन में ठोस, स्पष्ट और प्रभावी आदेश जारी करने की मांग की गई है। मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:
तत्काल रिकॉर्ड दर्ज करना: अब तक जितनी भी प्लाटिंग हो चुकी है, उन सभी क्षेत्रों में जो भी भूमि मौके पर या रजिस्ट्री में ‘आम रास्ते’ के रूप में उपयोग में लाई जा रही है, उसे तत्काल राजस्व अभिलेखों में ‘आम रास्ता’ के रूप में दर्ज कराया जाए।
भविष्य के लिए अनिवार्यता: भविष्य में नई प्लाटिंग करने वाले डेवलपर्स के लिए यह अनिवार्य किया जाए कि प्लाट विक्रय या नामांतरण से पूर्व रास्ते की पूरी भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में ‘आम रास्ता’ के रूप में दर्ज कराना परम आवश्यक होगा। इस नियम के बिना न तो नामांतरण किया जाए और न ही नगर निगम द्वारा कॉलोनी को मान्यता दी जाए।
मौके का निरीक्षण: नगर निगम के राजस्व अधिकारी, अभिलेख शाखा और अनुभाग हुजूर के राजस्व अधिकारी, सभी संबंधित हल्का पटवारियों के साथ समन्वय स्थापित कर, मौके का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित आम रास्ते की भूमि को तत्काल प्रभाव से राजस्व अभिलेखों में दर्ज कर सुरक्षित श्रेणी में संरक्षित किया जाए।
अधिवक्ता का मानना है कि इन कदमों से न केवल नागरिकों को भविष्य के विवादों से मुक्ति मिलेगी, बल्कि न्यायालयीन प्रकरणों में भी उल्लेखनीय कमी आएगी और नगर निगम के विकास कार्य बिना किसी बाधा के संचालित हो सकेंगे।
