‘संरक्षणकर्ता ही अतिक्रमणकर्ता’! मनगवा के माल गांव में स्कूल की जमीन पर पंचायत भवन निर्माण का विवाद गहराया Aajtak24 News

 ‘संरक्षणकर्ता ही अतिक्रमणकर्ता’! मनगवा के माल गांव में स्कूल की जमीन पर पंचायत भवन निर्माण का विवाद गहराया Aajtak24 News

रीवा/मनगवा - रीवा जिले की तहसील मनगवा अंतर्गत ग्राम पंचायत रक्सा मांजन के ग्राम माल में इन दिनों एक गंभीर विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, माल की भूमि पर ग्राम पंचायत द्वारा पंचायत भवन निर्माण का है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिस पंचायत पर शासकीय संपत्ति की सुरक्षा की जवाबदेही है, वही संरक्षणात्मक संस्था अतिक्रमण करने में लगी है।

प्रधानाध्यापक ने पहले किया विरोध, फिर दी ‘सहमति’

विवाद तब शुरू हुआ जब दिनांक 27 अक्टूबर 2025 को विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने तहसील मनगवा में एक लिखित आवेदन देकर आरोप लगाया कि सरपंच द्वारा विद्यालय प्रांगण की भूमि पर जबरन पंचायत भवन का निर्माण कराया जा रहा है। हालांकि, जांच के दौरान स्थिति में नाटकीय बदलाव आया। पटवारी के प्रतिवेदन के अनुसार, प्रधानाध्यापक अचानक अपने आरोपों से पीछे हटते दिखाई दिए और उन्होंने निर्माण कार्य के लिए "सहमति" व्यक्त कर दी। ग्रामीणों और बुद्धिजीवियों ने प्रधानाध्यापक के इस बदले हुए रुख पर सवाल खड़े किए हैं, आशंका जताई जा रही है कि यह किसी दबाव या प्रभाव का परिणाम हो सकता है।

न्यायिक आदेश के बावजूद जारी रहा निर्माण

मामले की गंभीरता को देखते हुए, नायब तहसीलदार मनगवा (वृत्त गढ़) द्वारा पत्र क्रमांक — 49/पब्लिक/25, दिनांक 24.10.2025 के माध्यम से स्पष्ट अस्थायी स्थगन आदेश जारी किया गया था। इस आदेश में पूर्व माध्यमिक विद्यालय माल और ग्राम पंचायत रक्सा मांजन के बीच चल रहे भूमि विवाद में स्थिति यथावत रखने (Status Quo) का निर्देश दिया गया था। हैरानी की बात यह है कि अदालत के स्पष्ट आदेश के बावजूद, ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण कार्य जारी रखा गया, जो सीधे-सीधे न्यायिक आदेश की घोर अवहेलना है।

शिक्षण कार्य पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

ग्रामीणों का कहना है कि यदि स्कूल परिसर में पंचायत भवन स्थापित हो जाता है, तो शिक्षण कार्य और बच्चों का वातावरण गंभीर रूप से प्रभावित होगा। पंचायत की गतिविधियों, बैठकों और भीड़ के कारण स्कूल का अनुशासन और सुरक्षा बाधित होगी, जिससे शिक्षा और पंचायत गतिविधियों के अलग-अलग चरित्र का हनन होगा।

कलेक्टर से हस्तक्षेप और जांच की मांग

ग्रामीणों ने राजस्व अमले और शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों की "मौन सहमति" पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण ही पंचायत की मनमानी बढ़ रही है।

जिला कलेक्टर, संभागायुक्त और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की गई है कि वे:

  1. न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें।

  2. प्रधानाध्यापक और संबंधित अधिकारियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच कराएं।

  3. विद्यालय की शासकीय भूमि को तत्काल संरक्षित कर निर्माण कार्य पर रोक लगाएं।

ग्रामीणों का कहना है कि जब शासकीय भूमि की सुरक्षा करने वाली पंचायत ही सरकार की संपत्ति पर कब्ज़ा करने लगे, तो जनता का प्रशासन पर से भरोसा उठना स्वाभाविक है।



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