गौ-सेवकों के हितों की उपेक्षा पर गौ सेवक संघ के वरिष्ठ सदस्य सुभाष मिश्रा ने जताई गंभीर चिंता Aajtak24 News

गौ-सेवकों के हितों की उपेक्षा पर गौ सेवक संघ के वरिष्ठ सदस्य सुभाष मिश्रा ने जताई गंभीर चिंता Aajtak24 News

रीवा - गौ सेवक संघ के वरिष्ठ सदस्य श्री सुभाष मिश्रा ने आज एक प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार, माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश के सभी वर्गों तक जनहितकारी योजनाएँ पहुँचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, परिवहन, कृषि, महिला सशक्तिकरण तथा गौ-संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जो सराहनीय है। हालाँकि श्री मिश्रा ने प्रदेश भर के गौ-सेवकों की उपेक्षित स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गौ-धन की सुरक्षा और सेवा में दिन-रात जुटे हुए गौ-सेवक प्रदेश की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, परंतु आज तक उन्हें न तो नियमित मानदेय प्राप्त हुआ है और न ही शासन की ओर से कोई व्यवस्थित मूल्यांकन या देखरेख हो रही है।

उन्होंने कहा 

“गौ-सेवक हमारे समाज की जीवंत परंपरा के संरक्षक हैं। वे संकट, बीमारी और प्राकृतिक विपदाओं में भी गौ-धन की रक्षा हेतु तत्पर रहते हैं, परंतु उनके जीवन में उत्पन्न आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों की ओर शासन-प्रशासन ने अभी तक पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है। यह अत्यंत गंभीर विषय है। श्री मिश्रा ने आगे कहा कि प्रदेश में विद्यमान गौशालाओं और गौ-अभयारण्यों का संचालन लगातार बढ़ रहा है, परंतु इनके संचालन से जुड़े गौ-सेवकों के लिए किसी भी प्रकार की मानदेय योजना, बीमा सुरक्षा, चिकित्सा सुविधा, प्रशिक्षण व्यवस्था अथवा सामाजिक सुरक्षा कवच का अभाव है।

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि गौ-सेवकों के लिए निम्न बिंदुओं पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए—

1. नियमित मानदेय प्रणाली लागू की जाए।

2. गौ-सेवकों के लिए स्वास्थ्य बीमा और दुर्घटना बीमा सुविधाएँ शुरू की जाएँ।

3. गौ-सेवा में लगे कर्मियों की आर्थिक सुरक्षा और नियुक्ति प्रक्रियाओं को औपचारिक रूप दिया जाए।

4. गौ-सेवकों की समस्याओं के लिए एक नोडल कार्यालय/सेल गठित किया जाए।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, जो स्वयं गौ-संरक्षण के प्रति संवेदनशील हैं, इस विषय पर सकारात्मक और ठोस कदम उठाएँगे, जिससे प्रदेश के हजारों गौ-सेवकों को राहत प्राप्त होगी। अंत में श्री मिश्रा ने कहा कि गौ-सेवा केवल धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व है, और इस उत्तरदायित्व को निभाने वालों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है। उन्होंने इस दिशा में नीतिगत सुधार की आवश्यकता दोहराई।


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