कटरा विद्युत वितरण केंद्र में 'सेवा शुल्क' का खुला खेल, 15 हजार न देने पर 60 उपभोक्ताओं का ट्रांसफार्मर महीनों से पेंडिंग Aajtak24 News

कटरा विद्युत वितरण केंद्र में 'सेवा शुल्क' का खुला खेल, 15 हजार न देने पर 60 उपभोक्ताओं का ट्रांसफार्मर महीनों से पेंडिंग Aajtak24 News

मऊगंज - कटरा विद्युत वितरण केंद्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम डगरडुआ धर्मपुरान (वार्ड क्रमांक 8) में बिजली विभाग की घोर लापरवाही और व्याप्त भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। यहां लगभग 60 उपभोक्ताओं का जीवन और आजीविका, एक जर्जर पड़े ट्रांसफार्मर के कारण महीनों से प्रभावित है, लेकिन इसे बदलने की प्रक्रिया कथित तौर पर "सेवा शुल्क" न दिए जाने के कारण अटकी हुई है।

महीनों से लंबित है ट्रांसफार्मर की मांग

ग्राम डगरडुआ धर्मपुरान व वार्ड क्रमांक 8 धर्मपुरान टोला क्षेत्र में लगे ट्रांसफार्मर को बदलने की शिकायत ग्रामीणों द्वारा अगस्त 2025 में की गई थी। शिकायत को तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है और पूरी बरसात निकल गई, लेकिन कटरा विद्युत केंद्र ने अब तक ट्रांसफार्मर बदलने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। इस ट्रांसफार्मर पर 20 कृषि मोटर पंप और 40 घरेलू उपभोक्ता निर्भर हैं। ट्रांसफार्मर की इस बदहाली ने किसानों की फसल सिंचाई को बुरी तरह प्रभावित किया है, जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज की गंभीर समस्या से जूझना पड़ रहा है।

"सेवा शुल्क" का गंभीर आरोप

ग्रामीणों ने कटरा विद्युत वितरण केंद्र पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि विभाग में बिना “सेवा शुल्क” दिए कोई भी कार्य, विशेषकर ट्रांसफार्मर बदलने का काम, आगे नहीं बढ़ता। स्थानीय चर्चाओं के अनुसार, ट्रांसफार्मर बदलवाने के लिए उपभोक्ताओं से अनौपचारिक रूप से 10 हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक की अवैध राशि (सेवा शुल्क) की मांग की जाती है। जो ग्रामीण यह राशि देने में असमर्थ होते हैं, उनके वैध आवेदनों को भी लगातार किसी न किसी बहाने रोक दिया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ विभाग बिल जमा न करने वाले उपभोक्ताओं पर कार्रवाई कर सकता है, लेकिन जो उपभोक्ता नियमित रूप से बिल का भुगतान कर रहे हैं, उन्हें भी मूलभूत बिजली सुविधा से वंचित रखना पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है।

राजनीतिक दबाव में 24 घंटे में बदल जाते हैं ट्रांसफार्मर

ग्रामीणों ने विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए बताया कि रीवा-मऊगंज जिले में कई स्थानों पर स्थानीय नेताओं की सिफारिश पर ट्रांसफार्मर 24 घंटे के भीतर बदल दिए जाते हैं। वहीं, उनके क्षेत्र की वर्षों पुरानी और जायज मांग को महीनों से लंबित रखा गया है। किसानों ने इस मामले में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मूकदर्शक बने रहने पर भी गहरा असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर मतदान किया, लेकिन स्थानीय स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही के चलते उनकी समस्याएं अनसुनी की जा रही हैं। डगरडुआ धर्मपुरान के कृषक हितग्राहियों ने अब जिला कलेक्टर, संभागीय आयुक्त तथा भाजपा सरकार के वरिष्ठ नेताओं से इस गंभीर मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और जर्जर ट्रांसफार्मर को प्राथमिकता के आधार पर बदलवाने की मांग की है।

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