विवादित ज़मीनों पर 110 के आरोपियों की दबंगई! रातों-रात हो रहे सौदे, प्रशासन खामोश Aajtak24 News

विवादित ज़मीनों पर 110 के आरोपियों की दबंगई! रातों-रात हो रहे सौदे, प्रशासन खामोश Aajtak24 News 

रीवा - जिले के गढ़ क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को चुनौती देता एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है। कई आपराधिक प्रकरणों में संलिप्त, तथा थाने में धारा 110 के तहत पूर्व में चिन्हित आरोपी अब खुलेआम विवादित भू-खण्डों पर निर्माण कार्य के ठेके ले रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यह पूरा खेल स्थानीय प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे चल रहा है, परंतु प्रभावी कार्रवाई कहीं दिखाई नहीं देती।

रात में चली दावत, वहीं विवादित जमीन के निर्माण सौदे की चर्चा

सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायत गढ़ में बीती रात कुछ आरोपियों ने शराब-मांस की पार्टी का आयोजन किया, जहां विवादित भूमि पर निर्माण कार्य का ठेका तय किया गया। जिस जमीन पर वर्षों से कानूनी विवाद है, वहां दबंगों द्वारा खुले आम सौदेबाजी करना स्थानीय लोगों में भय का माहौल पैदा कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी अपनी दबंगई के दम पर किसी भी जमीन पर कब्जा जमाने में संकोच नहीं करते।

प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए ‘झूठी शिकायतों’ का हथियार

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ये आरोपी अधिकारियों पर मानसिक दबाव बनाने के लिए कभी स्वयं, तो कभी अपने परिचितों के जरिए झूठी शिकायतें दर्ज कराते रहते हैं। इससे कर्मचारियों और अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनता है, जिसके कारण वे सत्य के साथ खड़े होने से कतराने लगते हैं। यही कारण है कि आम जनता ऐसे तत्वों के खिलाफ शिकायत करने से भी डरती है, क्योंकि उन्हें प्रतिशोध का भय सताता है।

जमीन माफिया का नेटवर्क जिले से निकलकर प्रदेश भर तक फैला

परिस्थिति यह हो चुकी है कि जमीनों का यह काला कारोबार सिर्फ रीवा जिले तक सीमित नहीं रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गिरोह अब प्रदेश के कई शहरों तक अपनी पहुंच बना चुका है। विवादित जमीन कब्जा करना, निर्माण कार्य के ठेके हथियाना, और प्रशासनिक तंत्र पर दबाव बनाना इनकी कार्यशैली का हिस्सा बन चुका है।

आईजी के कड़े निर्देश बेअसर?

रीवा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक गौरव सिंह राजपूत द्वारा लगातार ऐसे दबंग, अराजक और आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। परंतु जमीनी अमला इन निर्देशों को गंभीरता से कितनी दूर तक लागू कर पा रहा है, यह बड़ा सवाल है। स्थानीय स्तर पर कार्रवाई का अभाव साफ दिखाई देता है, जिससे अराजक तत्वों के हौसले और भी बुलंद हो रहे हैं।

जनता में गहरा असंतोष और भय का माहौल

स्थानीय जनता का कहना है कि जब धारा 110 के तहत पूर्व से चिन्हित आरोपी ही विवादित जमीनों पर कब्जे का खेल खेलने लगें और प्रशासन चुप बैठा रहे तो आम नागरिक न्याय की उम्मीद कैसे करे? लोग शिकायत करने से भी डरने लगे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि माफिया और भी आक्रामक हो सकते हैं।

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