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पुलिस की साख पर बट्टा! MP के सिवनी में एक और पुलिसवाला घूस लेते गिरफ्तार, थाने में ठेकेदार से ले रहा था ₹75,000 Aajtak24 News |
सिवनी - मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे लोकायुक्त अभियान के तहत, सिवनी जिले में एक और पुलिसकर्मी को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। केवलारी थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष कुमार पटवा को लोकायुक्त पुलिस जबलपुर ने गुरुवार, 16 अक्टूबर 2025 को थाना परिसर के भीतर ही ₹75,000 की रिश्वत लेते हुए पकड़ा।
₹5 लाख की रिश्वत की थी मांग
यह पूरा मामला एक सिविल ठेकेदार नितिन पाटकर की शिकायत से शुरू हुआ। ठेकेदार पाटकर ने नगर परिषद केवलारी में सीसी रोड और नाली निर्माण का ठेका लिया था, जिसका पेटी ठेका उन्होंने राहुल राय नाम के व्यक्ति को दिया था।
शिकायत का आधार: ठेकेदार पाटकर का आरोप है कि राहुल राय ने घटिया निर्माण कर उनके साथ धोखाधड़ी की। जब पाटकर ने 8 अक्टूबर 2025 को केवलारी थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई, तो हेड कांस्टेबल मनीष पटवा ने FIR दर्ज करने के बदले उनसे कुल ₹5 लाख की भारी रिश्वत मांग ली।
ट्रैप: रिश्वत की मांग से परेशान ठेकेदार नितिन पाटकर ने लोकायुक्त पुलिस जबलपुर से संपर्क किया। जाँच में पता चला कि आरोपी पटवा पहले ही रिश्वत की पहली किश्त के रूप में ₹25,000 ले चुका था। लोकायुक्त निरीक्षक उमा कुशवाहा के नेतृत्व में टीम ने जाल बिछाया और पटवा को रिश्वत की दूसरी किश्त ₹75,000 लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की वर्दी पर दाग, लगातार दूसरी गिरफ्तारी
प्रधान आरक्षक मनीष पटवा (49) की गिरफ्तारी के बाद केवलारी थाने में हड़कंप मच गया है। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता ने आरोपी हेड कांस्टेबल को तत्काल निलंबित कर दिया है। यह गिरफ्तारी इसलिए भी अधिक गंभीर है क्योंकि यह हवाला नकदी की कथित लूट से जुड़े एक अन्य मामले में एक कांस्टेबल राजेश जंघेला की गिरफ्तारी के ठीक एक दिन बाद हुई है। जंघेला उस मामले में गिरफ्तार होने वाले 11वें आरोपी थे, जिसने सिवनी पुलिस की कार्यप्रणाली पर पहले ही बड़े सवाल खड़े कर दिए थे।
लोकायुक्त की कार्रवाई जारी
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक अंजूलता पटले ने बताया कि आरोपी पटवा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि महानिदेशक (लोकायुक्त) योगेश देशमुख के निर्देश पर भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी राज्य भर में ऐसी कार्रवाई तेज कर रही है। लोकायुक्त टीम अब इस बात की भी गहनता से जाँच कर रही है कि इस रिश्वतखोरी के मामले में थाने के अन्य लोग भी शामिल थे या नहीं।