रीवा/मनगवां - रीवा जिले की मनगवां पुलिस ने अपनी तत्परता और पेशेवर कार्यप्रणाली का परिचय देते हुए, जिले के एक परियोजना अधिकारी के साथ हुई लूट की सनसनीखेज वारदात का मात्र 72 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया है। इस लूटकांड ने न केवल सरकारी अधिकारियों में भय पैदा किया था, बल्कि पुलिस प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों के चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से लूटा गया सामान, नकदी, देशी हथियार और वारदात में प्रयुक्त कार बरामद की गई है।
🚨 अंधेरी रात में हुई थी वारदात
घटना की शुरुआत 12 अक्टूबर 2025 को हुई, जब परियोजना अधिकारी दीपक मिश्रा (46 वर्ष, निवासी मनगवां) ने थाना मनगवां में लूट की रिपोर्ट दर्ज कराई।
घटना का समय और स्थान: 11 अक्टूबर 2025 की रात करीब 10:30 बजे, जब अधिकारी जबलपुर से विभागीय प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी कार से त्योंथर लौट रहे थे। एनएच-30 पर ग्राम समान, नगर के पास उनकी कार को रोक लिया गया।
लूट का तरीका: लाल रंग की ब्रेजा कार में सवार चार अज्ञात व्यक्तियों ने हथियारों के बल पर दीपक मिश्रा को डराया-धमकाया। आरोपियों ने उनके पास से मोबाइल फोन, नकद राशि, एटीएम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज लूट लिए। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी अपनी कार सहित अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।
परियोजना अधिकारी से दिनदहाड़े लूट की खबर मिलते ही रीवा पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
🔍 विशेष टीम गठित, UP में दी गई दबिश
रीवा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह चौहान ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (देहात) शिव कुमार वर्मा और एसडीओपी मनगवां श्रीमती रश्मि शर्मा के निर्देशन में, थाना प्रभारी निर्मल बहादुर सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
विशेष टीम ने घटना स्थल का गहन निरीक्षण किया और सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल सर्विलांस, तकनीकी साक्ष्य और मुखबिरों की सूचनाओं के आधार पर आरोपियों की गतिविधियों पर चौबीसों घंटे निगरानी शुरू की। पुलिस की कुशलता का नतीजा रहा कि लगातार प्रयास के बाद टीम ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों में उनके ठिकानों का पता लगाया और दबिश देकर चारों संदिग्धों को दबोच लिया।
⚔️ भारी मात्रा में हथियार और लूटा गया माल बरामद
पूछताछ के दौरान, सभी आरोपियों ने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। पुलिस ने उनके कब्जे से सनसनीखेज हथियार, कारतूस और लूटा गया सामान बरामद किया है:
हथियार और कारतूस: 01 नग देशी पिस्टल, 02 नग देशी कट्टे, 16 नग जिंदा कारतूस (9 नग .32 एमएम और 7 नग 315 बोर)।
लूट का सामान: 02 नग सैमसंग कंपनी के मोबाइल, 01 नग माइक्रोमैक्स मोबाइल, नकद ₹14,000 रुपए, और परियोजना अधिकारी की एस-क्रॉस कार की चाबी।
प्रयुक्त वाहन: घटना में प्रयुक्त लाल रंग की ब्रेजा कार (क्रमांक GJ-05-RB-0107)।
गिरफ्तार आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति के
गिरफ्तार किए गए सभी चार आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति के पाए गए हैं और कई छोटे-मोटे अपराधों में उनकी संलिप्तता रही है। उनकी पहचान इस प्रकार है:
नेजार अहमद (21 वर्ष), थाना कोतवाली, जिला प्रतापगढ़ (उ.प्र.)
फैजान (20 वर्ष), थाना किरतिपुर, जिला प्रयागराज (उ.प्र.)
गुलजार उर्फ रियाजन खान (20 वर्ष), थाना लीलापुर, जिला प्रतापगढ़ (उ.प्र.)
दिलशाद अली (28 वर्ष), थाना लीलापुर, जिला प्रतापगढ़ (उ.प्र.)
पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह चौहान ने बताया कि यह मामला जिले की प्राथमिकता में था और पुलिस टीम ने अत्यंत पेशेवर तरीके से काम किया। उन्होंने टीम के सदस्यों निरीक्षक गजेन्द्र सिंह धाकरे, उप निरीक्षक देवेंद्र सिंह और अन्य आरक्षकों की तत्परता और निष्ठा की सराहना की। उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जा रहा है, और जाँच के दौरान यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस गैंग में इनके और कौन से साथियों का हाथ था। पुलिस की यह सफलता अपराधियों को एक सख्त संदेश देती है।