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MP में हवलदार निकला चोर: थाने के मालखाने से 65 लाख कैश-ज्वैलरी गायब, जुए की लत में किया बड़ा कांड Aajtak24 News |
बालाघाट - मध्य प्रदेश में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाते हुए बालाघाट जिला मुख्यालय के कोतवाली थाने से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। थाने के मालखाने में रखे गए 55 लाख रुपये नकद और करीब 10 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहने गायब हो गए। इस चोरी का मास्टरमाइंड कोई बाहरी चोर नहीं, बल्कि खुद मालखाना इंचार्ज प्रधान आरक्षक राजीव पंद्रे निकला, जिसने अपनी जुए की लत पूरी करने के लिए इस बड़ी रकम पर हाथ साफ कर दिया।
ठगी के केस का माल बना चोरी का शिकार
यह पूरा मामला तब सामने आया जब एक फरियादी महिला—जिसके ठगी के केस में यह रकम और गहने जब्त किए गए थे—ने कोर्ट से आदेश प्राप्त करने के बाद अपने पैसे और आभूषण लेने के लिए कोतवाली थाने में संपर्क किया। जब थाना प्रभारी (टीआई) ने मालखाना इंचार्ज राजीव पंद्रे को रकम निकालने का निर्देश दिया, तो पंद्रे घबरा गया। उसने मालखाने का गेट अंदर से बंद कर लिया और फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। समय रहते पुलिसकर्मियों ने दरवाजा तोड़कर उसकी जान बचाई और तब जाकर मालखाने में हुई इस बड़ी सेंधमारी का खुलासा हुआ।
मालखाना इंचार्ज निकला जुआरी
पुलिस की शुरुआती जांच और पंद्रे से पूछताछ में उसकी लत सामने आई। प्रधान आरक्षक राजीव पंद्रे लंबे समय से जुआ खेलने का आदी था। वह अक्सर जुआ खेलने के लिए पड़ोसी जिले सिवनी और महाराष्ट्र के गोंदिया तक जाता था। सूत्रों के अनुसार, वह दो साल से मालखाना प्रभारी था और पहले भी जब्त की गई छोटी-मोटी रकम का इस्तेमाल जुए में कर चुका था, लेकिन इस बार उसने सीधे 65 लाख रुपये की नकदी और ज्वैलरी गायब कर दी।
बरामदगी और जांच में तेजी
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस विभाग तुरंत हरकत में आया। बालाघाट आईजी संजय कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
जांच अधिकारी: मामले की जांच महिला सेल डीएसपी प्रतिष्ठा राठौर को सौंपी गई है।
बरामदगी: डीएसपी राठौर ने बताया कि आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस ने अब तक 40 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं।
जेवर की रिकवरी: पंद्रे के बताए ठिकानों पर दबिश दी गई। एक राजवंश ज्वेलर्स की दुकान से लगभग 140 ग्राम सोने के जेवर और चांदी के आभूषण बरामद किए गए हैं।
कानूनी कार्रवाई: राजीव पंद्रे के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आईजी संजय कुमार ने स्पष्ट किया है कि थाने के मालखाने में इतनी बड़ी चोरी कैसे हुई, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस घटना ने एक बार फिर मध्य प्रदेश के पुलिस प्रशासन के भीतर की जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एसपी आदित्य मिश्रा और टीआई विजय राजपूत ने फिलहाल इस गंभीर मामले पर मीडिया में कोई बयान देने से इनकार किया है।