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सीएम मोहन यादव का बड़ा ऐलान: एमपी में 972 ई-बसें चलेंगी; 472 का टेंडर फाइनल, 6 शहरों में डिपो बनाने का काम तेज Aajtak24 News |
भोपाल - मध्य प्रदेश के सार्वजनिक परिवहन को हरित (ग्रीन) और सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 900 से अधिक नई इलेक्ट्रिक (ई-बसों) के संचालन की घोषणा की है। भारत सरकार ने राज्य के नगरीय निकायों के लिए कुल 972 ई-बसें आवंटित करने का फैसला किया है। नगरीय विकास विभाग अब इन बसों के संचालन की तैयारियों में जुट गया है, जिसके तहत नगरीय निकायों में चार्जिंग डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम तेज कर दिया गया है।
चरणबद्ध तरीके से होगा संचालन
पूरे बेड़े को दो मुख्य चरणों में संचालित किया जाएगा, जिसकी जानकारी इस प्रकार है:
1. पहले चरण की मुख्य बातें (472 बसें)
ऑपरेटर: इन 472 ई-बसों का टेंडर ग्रीन सेल कंपनी को मिला है। यह कंपनी मध्य प्रदेश में 10 डिपो बनाएगी।
शहर: संचालन की शुरुआत भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन से होगी। सागर शहर भी पहले चरण में शामिल है।
बस डिपो: नगरीय विकास विभाग ने इन शहरों के प्रशासन को डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि बसें आने से पहले ही पार्किंग और चार्जिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।
2. दूसरे चरण की योजना (500 बसें)
शेष 500 ई-बसों के टेंडर की प्रक्रिया केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही शुरू की जाएगी।
इन बसों के आने पर सागर, देवास और सतना नगर निगमों में भी संचालन शुरू करने की योजना है। इन शहरों के निगमायुक्तों को भी डिपो के लिए जगह तलाशने और टेंडर प्रक्रिया जल्दी पूरी करने को कहा गया है, ताकि 2026 की शुरुआत तक संचालन शुरू हो सके।
बस का प्रकार और किराया
यात्रियों की सुविधा के लिए ये बसें दो अलग-अलग साइज की होंगी:
मिडी ई-बस: 26 सीटर क्षमता वाली बसें (कुल 472 बसें इसी श्रेणी की हैं)।
मिनी ई-बस: 21 सीटर क्षमता वाली बसें (कुल 110 बसें इसी श्रेणी की रहेंगी)।
संचालन मॉडल: इन बसों का संचालन जीसीसी (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर) मॉडल पर किया जाएगा। ग्रीन सेल कंपनी को 12 साल के लिए ऑपरेशनल एंड मेंटेनेंस कॉस्ट भी मिलेगी।
किराया: बसों का किराया संबंधित नगर निगम द्वारा तय किया जाएगा।
यह बेड़ा प्रदेश के प्रमुख शहरों में यात्रियों को जल्द और सुगम परिवहन उपलब्ध कराकर यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएगा।