IPS पूरन कुमार की 'खुदकुशी' नहीं, थी मजबूरन मौत; 8 पेज के सुसाइड नोट में 10 सीनियर IPS अफसरों पर टॉर्चर का आरोप! Aajtak24 News

IPS पूरन कुमार की 'खुदकुशी' नहीं, थी मजबूरन मौत; 8 पेज के सुसाइड नोट में 10 सीनियर IPS अफसरों पर टॉर्चर का आरोप! Aajtak24 News 

चंडीगढ़ - हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की कथित आत्महत्या ने राज्य की पुलिस और प्रशासनिक गलियारों में भूचाल ला दिया है। मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने सरकारी आवास के बेसमेंट में सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मारने की इस घटना को लेकर परिवार ने साफ कह दिया है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि मानसिक उत्पीड़न के कारण मजबूरन उठाया गया कदम है। इस पूरे मामले को विस्फोटक बना दिया है पुलिस द्वारा घटनास्थल से बरामद किए गए 8 पेज के विस्तृत सुसाइड नोट ने। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, पूरन कुमार ने इस अंतिम नोट में हरियाणा के 10 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, उनके काम में बाधा डालने और करियर को बर्बाद करने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है। इन नामित अधिकारियों में पूर्व डीजीपी, मौजूदा डीजीपी, एडीजीपी और एसपी स्तर के अधिकारी शामिल बताए जा रहे हैं।

रोहतक रिश्वत केस बना मौत का ट्रिगर

आईपीएस अधिकारी की मौत का तात्कालिक कारण रोहतक में दर्ज एक रिश्वतखोरी का मामला बताया जा रहा है।

  1. गनर पर रिश्वत का आरोप: यह मामला रोहतक के शराब कारोबारी प्रवीण बंसल की शिकायत पर दर्ज हुआ था। बंसल ने आरोप लगाया था कि पूरन कुमार के गनर सुशील कुमार ने उनसे 2.5 लाख रुपये मंथली रिश्वत की मांग की। बंसल ने सबूत के तौर पर ऑडियो रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज भी सौंपी, जिसमें सुशील ने कथित तौर पर आईजी वाई पूरन सिंह का नाम लेकर सपोर्ट देने की बात कही थी।

  2. FIR में नाम और विवाद: गनर सुशील कुमार को 6 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस पूछताछ में सुशील ने कथित तौर पर वाई पूरन कुमार का नाम लिया, जिसके बाद बिना किसी सरकारी या उच्चस्तरीय मंजूरी के रिश्वतखोरी की एफआईआर में आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार का नाम भी दर्ज कर लिया गया।

  3. टॉर्चर का वीडियो: शराब कारोबारी प्रवीण बंसल का एक वीडियो भी चर्चा में है, जिसमें वह आरोप लगा रहे हैं कि गनर सुशील कुमार उन्हें धमका रहा था और मेंटली एवं फिजिकली टॉर्चर कर रहा था।

माना जा रहा है कि एक झूठे आरोप और वरिष्ठ अधिकारियों के लगातार दबाव से बचने के लिए आईपीएस अधिकारी ने यह चरम कदम उठाया। पूरन कुमार ने अपने नोट में स्पष्ट लिखा है कि इन अफसरों ने उनके प्रोफेशनल करियर को बर्बाद करने की साजिश रची।

जाँच का दायरा और पत्नी की वापसी

2001 बैच के अधिकारी वाई पूरन कुमार, जो अपनी ईमानदार और सख्त छवि के लिए जाने जाते थे, उनकी मौत ने पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज जैसे अहम पद पर तैनात अधिकारी की तैनाती पर भी सवाल खड़े किए हैं।

  • सुसाइड नोट की सीक्रेट सामग्री: चंडीगढ़ पुलिस ने वसीयत और सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है, लेकिन उसमें नामित 10 अधिकारियों के नाम का खुलासा नहीं किया है।

  • जांच टीम: चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम गठित की है, जो सुसाइड नोट, डिजिटल रिकॉर्ड और कॉल डिटेल की गहन जांच कर रही है।

  • पोस्टमॉर्टम और परिवार: पूरन कुमार की आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार घटना के समय मुख्यमंत्री नायब सिंह के साथ जापान दौरे पर थीं और अब चंडीगढ़ लौट रही हैं। उनकी वापसी के बाद ही डॉक्टरों का विशेष बोर्ड सेक्टर 16 अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम करेगा।

यह मामला अब केवल आत्महत्या का नहीं रहा, बल्कि हरियाणा पुलिस सिस्टम के भ्रष्टाचार और आंतरिक राजनीति की परतें खोलता हुआ दिख रहा है। सरकार और पुलिस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती सुसाइड नोट में नामित 10 अफसरों पर नियमानुसार और पारदर्शी कार्रवाई करना होगी।

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