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पुलिस की क्रूरता ने ली इंजीनियर छात्र की जान! भोपाल में DSP के साले को पीट-पीटकर मारा, अर्धनग्न घुमाने का CCTV फुटेज; अब हत्या के केस की तैयारी Aajtak24 News |
भोपाल - मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल एक बार फिर पुलिस की बर्बरता के सबसे खौफनाक अध्याय की गवाह बनी है। पिपलानी के इंद्रपुरी इलाके में गश्त पर तैनात दो पुलिस आरक्षकों की वहशी पिटाई से 22 वर्षीय बीटेक छात्र उदित कुमार गायिकी की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि मृतक छात्र के डीएसपी जीजा के प्रभाव में होने के बावजूद हुई इस क्रूरता ने कानून व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है।
रात के अंधेरे में खाकी का काला चेहरा
घटना गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात करीब डेढ़ बजे की है। वीआईटी कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी कर और बेंगलुरु में नौकरी जॉइन करने से पहले दोस्तों संग पार्टी मनाने निकला उदित गायिकी (पिता राजकुमार गायिकी, ऊर्जा विभाग में इंजीनियर) अपनी कार से दोस्तों को छोड़ रहा था।
डर से भागा, बर्बरता का शिकार हुआ: रात्रि गश्त कर रहे आरक्षक सौरभ आर्य और संतोष बामनिया ने जब उदित की कार रोकी, तो कार में शराब रखी होने के डर से उदित भाग निकला। पुलिसकर्मियों ने उसका पीछा किया और करीब 100 मीटर की दूरी पर उसे पकड़ लिया।
सड़क पर अर्धनग्न कर पीटा: उदित के चश्मदीद दोस्तों के दिल दहला देने वाले बयान के मुताबिक, पुलिसकर्मियों ने सबके सामने उदित को न केवल बुरी तरह पीटा बल्कि उसे सड़क पर अर्धनग्न भी घुमाया। वर्मा टी स्टाल के सामने एक आरक्षक ने उसके पूरे शरीर पर लाठियां बरसाईं। पूरी घटना CCTV फुटेज में कैद है।
₹10,000 की रिश्वत की पेशकश: दोस्तों ने पिटाई रुकवाने के लिए ₹10,000 की रिश्वत देने की पेशकश की, जिसे सिपाहियों ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद मामला सुलझाने के बहाने वे आनंदनगर की ओर निकले, लेकिन बाद में दोनों आरक्षक रास्ता बदलकर भाग गए।
पिटाई के बाद सिर्फ आधे घंटे जिंदा रहा उदित
दोस्तों ने बताया कि बर्बर पिटाई के बाद उदित की हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उसकी शर्ट फटी हुई थी और शरीर पर जगह-जगह चोटों के गहरे निशान थे। कार में बैठने के बाद वह सिर्फ पानी और एसी चलाने की बात कह रहा था, पर दर्द की शिकायत नहीं की। कुछ ही देर में उसे लगातार उल्टी हुई, हाथ-पैर लड़खड़ाने लगे और उसकी सांसें थम गईं (नब्ज नहीं मिली)। आनन-फानन में एम्स (AIIMS) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डीएसपी के साले की मौत पर हड़कंप
मृतक उदित, बालाघाट में हॉकफोर्स में तैनात डीएसपी केतन अडलक का साला था। परिजनों ने पुलिस की इस क्रूरता पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। उदित के मामा सुभाष गावंडे ने पुलिस पर घटना को छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा, "उदित हमारा इकलौता भांजा था। दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।"
पोस्टेमार्टम रिपोर्ट करेगी हत्या की पुष्टि
मामला गरमाने के बाद पिपलानी पुलिस ने तत्काल दोनों आरोपी आरक्षकों सौरभ आर्य और संतोष बामनिया को निलंबित कर दिया है। डीसीपी जोन-2 विवेक सिंह ने कहा, "मृतक की मौत का कारण हार्ट अटैक है या मारपीट, यह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा करवाया जा रहा है और इसकी वीडियोग्राफी भी हो रही है। अगर रिपोर्ट में चोटों के कारण मौत की पुष्टि होती है, तो दोनों निलंबित आरक्षकों के खिलाफ तत्काल IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।"
पूरे प्रकरण ने मध्य प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां कानून के रक्षक ही भक्षक बन गए हैं और ₹10,000 की मामूली रिश्वत के लिए एक युवा इंजीनियरिंग छात्र की जिंदगी खत्म कर दी गई। भोपाल में अब लोग सोशल मीडिया पर 'जस्टिस फॉर उदित' की मांग उठा रहे हैं।