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बैगा आवासों की मजदूरी में भ्रष्टाचार! 'जनमन' योजना पर भ्रष्टाचारी सचिव की काली छाया; सीईओ का आश्वासन भी हवा-हवाई Aajtak24 News |
शहडोल - शासन की महत्वाकांक्षी जनमन योजना के तहत वर्ष 2024-25 में स्वीकृत हुए बैगा आवासों में बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत सचिव मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने कार्य में लापरवाही बरतते हुए स्वीकृत आवासों में काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी का भुगतान उनके खातों में नहीं किया, बल्कि राशि को अन्य खातों में अंतरित कर लिया। ग्रामीणों ने इस संबंध में लगातार शिकायतें की हैं, लेकिन जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी, जिसके चलते बैगा आवास अधूरे लटके हैं और सचिव के भ्रष्टाचार की मंशा पूरी होती दिख रही है।
संदेह के घेरे में जनपद की कार्यप्रणाली
यह गंभीर मामला तब और गहरा जाता है जब पता चलता है कि पूर्व में खबर प्रकाशित होने पर जनपद जयसिंहनगर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) शिवानी जैन ने कार्यवाही का आश्वासन दिया था। लेकिन आज दिनांक तक कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही। यह स्थिति जनपद के जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में लाती है।
जांच बनी दिखावा, सचिव को 'भ्रष्टाचार का मावा' खिलाने की तैयारी!
जन चर्चा और सूत्रों की मानें तो इस पूरे प्रकरण में भ्रष्टाचारी सचिव को जनपद के कुछ लोग सहयोग कर रहे हैं। आरोप है कि जांच प्रक्रिया को दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है और केवल ऊपरी जांच का दिखावा कर कोरम पूर्ति की जा रही है। अगर जांच हुई है तो उसका प्रतिवेदन सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया, यह बड़ा सवाल है। लोगों में यह चर्चा है कि भ्रष्ट सचिव को बचाने और 'भ्रष्टाचार का मावा' खिलाने की तैयारी हो रही है।
सीईओ का 'पुनः' आश्वासन
इस मामले में जब सीईओ जनपद पंचायत जयसिंहनगर शिवानी जैन से बात की गई तो उन्होंने कहा, "आपके बताए अनुसार हमने आवासों की जांच करवाए हैं, जिसमें 11 लोगों के नाम शामिल थे। पेमेंट जा चुके हैं। सचिव के ऊपर वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की बात है तो वो कागज आप मुझे भेज दीजिए, मैं उसको भी दिखवा लेती हूं।सवाल यह है कि यदि पेमेंट हो चुके हैं, तो बैगा आवास आज भी अधूरे क्यों हैं? और लगातार शिकायतों के बावजूद सचिव पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? सीईओ के आश्वासन के बाद भी जमीनी कार्रवाई शून्य है, जो 'जनमन' योजना के लाभ से वंचित गरीब बैगा परिवारों के साथ घोर अन्याय है।