अनिल अंबानी के करीबी CFO अशोक पाल गिरफ्तार, ₹17,000 करोड़ के लोन घोटाले में ED का बड़ा एक्शन! Aajtak24 News

अनिल अंबानी के करीबी CFO अशोक पाल गिरफ्तार, ₹17,000 करोड़ के लोन घोटाले में ED का बड़ा एक्शन! Aajtak24 News

मुंबई - अनिल अंबानी के स्वामित्व वाले रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी (ADA) समूह को एक और बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समूह की कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड (RPL) के कार्यकारी निदेशक (ईडी) और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अशोक कुमार पाल को मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े एक बड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया है। पाल को अनिल अंबानी का एक बेहद करीबी सहयोगी माना जाता है और उनकी गिरफ्तारी ₹17,000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी से जुड़ी ईडी की व्यापक जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

₹68 करोड़ की फर्जी गारंटी का रैकेट

ईडी ने शुक्रवार देर रात दिल्ली कार्यालय में लंबी पूछताछ के बाद अशोक पाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत हिरासत में लिया। ईडी का आरोप है कि पाल ने एक सुनियोजित वित्तीय रैकेट में मुख्य भूमिका निभाई:

  • फर्जी गारंटी: पाल ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को ₹68 करोड़ से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी जमा करवाई।

  • बैंकों की नकल: इस जालसाजी के लिए एसबीआई, इंडियन बैंक, पीएनबी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे प्रमुख बैंकों के दस्तावेजों की नकल की गई।

  • संगठित घोटाला: यह पूरा रैकेट फर्जी चालानों, फर्जी कंपनियों (जैसे BTPL) और नकली ईमेल डोमेन का इस्तेमाल करके जाली वित्तीय साधनों को वैध बताने का एक संगठित प्रयास था। इसका उद्देश्य सरकारी परियोजना के सार्वजनिक धन को निजी लाभ के लिए दूसरी जगह भेजना था।

  • संदिग्ध कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट: आरोप है कि पाल ने एक ऐसी फर्म बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने में मदद की, जिसका कोई विश्वसनीय ट्रैक रिकॉर्ड नहीं था। (BTPL के निदेशक पहले ही न्यायिक हिरासत में हैं)।

₹17,000 करोड़ के Yes Bank घोटाले से जुड़ी कड़ी

अशोक पाल की गिरफ्तारी ₹17,000 करोड़ के उस विशाल बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़ी है, जिसमें यस बैंक के तत्कालीन सीईओ राणा कपूर ने संकटग्रस्त एडीए समूह की कंपनियों को भारी मात्रा में ऋण दिए थे।

  • ED की व्यापक जांच: अगस्त में ईडी ने इस मामले में अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए तलब किया था और मुंबई में 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें एडीए समूह से जुड़ी 50 कंपनियाँ और 25 व्यक्ति जांच के दायरे में आए थे।

  • CBI के आरोपपत्र: सीबीआई ने भी यस बैंक से जुड़े दो भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपपत्र दायर किए हैं, जिसमें कपूर और अंबानी पर सार्वजनिक धन को अस्थिर एडीए संस्थाओं में स्थानांतरित करने की साजिश रचने का आरोप है।

बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

ईडी की इस कार्रवाई के समानांतर, बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसी सप्ताह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें अनिल अंबानी और रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के ऋण खातों को "धोखाधड़ी" (Fraud) घोषित किया गया था। अदालत ने अंबानी की व्यक्तिगत सुनवाई की याचिका को खारिज करते हुए SBI के इस कदम को पूरी तरह वैध और कानूनी रूप से उचित माना। बैंक ऑफ बड़ौदा भी RCom के खातों को 'फ्रॉड' घोषित कर चुका है। गिरफ्तारी के बाद, अशोक पाल को शनिवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है, जहां ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के व्यापक नेटवर्क की जांच के लिए उनकी रिमांड की मांग करेगी। 25 वर्षों से अधिक के अनुभव वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट पाल, जनवरी 2023 में रिलायंस पावर के सीएफओ बने थे। उनकी गिरफ्तारी से अनिल अंबानी समूह की वित्तीय अनियमितताओं की जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है।

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