आईजी गौरव सिंह राजपूत की सख़्त चेतावनी: रीवा संभाग में नशे, सट्टे और भ्रष्टाचार की 'रीढ़ तोड़ने' का आदेश Aajtak24 News

 

आईजी गौरव सिंह राजपूत की सख़्त चेतावनी: रीवा संभाग में नशे, सट्टे और भ्रष्टाचार की 'रीढ़ तोड़ने' का आदेश Aajtak24 News

रीवा - रीवा संभाग के पुलिस मुख्यालय में सोमवार को एक उच्च-स्तरीय और महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसने समूचे पुलिस प्रशासन में हलचल मचा दी है। आईजी रीवा गौरव सिंह राजपूत और पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान के संयुक्त नेतृत्व में आयोजित इस बैठक में संभाग के सभी एसडीओपी, थाना प्रभारी और अधीनस्थ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य एजेंडा नशे के अवैध कारोबार, सट्टा-जुआ और संगठित भ्रष्टाचार पर तत्काल और कठोर नकेल कसना था।

आईजी का स्पष्ट संदेश: भ्रष्टाचार और नशे को बर्दाश्त नहीं

आईजी गौरव सिंह राजपूत ने अपने संबोधन में अत्यंत सख्त लहजे में अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि:

“रीवा संभाग में नशे के कारोबारियों की रीढ़ तोड़ दी जाएगी और भ्रष्टाचार के बीज अंकुरित होने से पहले ही नष्ट कर दिए जाएंगे।”

यह संदेश विभागीय भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराता है। हालांकि, सूत्रों के हवाले से यह गंभीर जानकारी सामने आई है कि आईजी के इन सख्त निर्देशों के बावजूद, पुलिस विभाग के कुछ निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी अभी भी इन आदेशों को ठंडे बस्ते में डालते नजर आ रहे हैं, जिससे जमीनी स्तर पर अवैध कारोबारों पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पा रही है।

हकीकत और फाइलों में अंतर: अवैध कारोबार पर 'संरक्षण' का आरोप

पिछले कुछ महीनों के दौरान रीवा संभाग के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध शराब, नशीली दवाएं और पशु तस्करी के कई मामले सामने आए हैं। बड़ी कार्रवाईयां होने के बावजूद, यह तथ्य भी सामने आया है कि स्थानीय पुलिसकर्मियों और ठेकेदारों के बीच मिलीभगत के कारण ये अवैध धंधे पूरी तरह बंद नहीं हो पाए हैं।

  • शराब और नशीली दवाएं: कई थाना क्षेत्रों में शराब की दुकानों के रजिस्टरों के अवलोकन से "प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ" लेने का खेल जारी होने की आशंका है। इसी प्रकार, कफ सिरप और नशीली गोलियों का अवैध व्यापार भी कुछ पुलिसकर्मियों की जानकारी में ही फल-फूल रहा है।

  • सट्टा-जुआ और अवैध पशु परिवहन: रीवा जिले में सट्टा-जुआ और अवैध पशु परिवहन जैसे कारोबार भी लगातार जारी हैं। जानकारी है कि इन कारोबारों से जुड़े रजिस्टर खुलने पर पुलिस विभाग से लेकर समाज के तथाकथित सफेदपोश चेहरे भी उजागर हो सकते हैं।

अगले 15 दिन निर्णायक

आईजी और एसपी की इस बैठक के बाद अब सबकी निगाहें अगले 15 दिनों की कार्यवाहियों पर टिकी हैं। यह अवधि तय करेगी कि पुलिस प्रशासन इन सख्त आदेशों को जमीनी स्तर तक लागू करने में सफल होता है, या सिस्टम फिर से अपनी पुरानी ढीली चाल पर लौट जाता है। गौरतलब है कि हमारी समाचार टीम ने दो महीने पहले ही यह खबर प्रकाशित की थी कि कई थाना क्षेत्रों में यह अवैध कारोबार कुछ पुलिस कर्मियों की जानकारी में संचालित हो रहा है। हालिया बैठक में आईजी द्वारा इस तथ्य की पुष्टि करना और सख्त कार्रवाई के संकेत देना, हमारी पूर्व चेतावनी को प्रमाणित करता है। फिलहाल रीवा संभाग में हड़कंप का माहौल है। हर थाना और चौकी में यह चिंता व्याप्त है कि जांच का दायरा बढ़ा तो कौन-कौन से नाम सामने आएंगे। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में जब सीआईडी की रिपोर्ट और सट्टा-व्यापारियों के रजिस्टर सामने आएंगे, तो कई मुखौटे उतरना तय है।




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