करोड़ों खर्च, लाभ शून्य! सिंचाई योजनाओं में घोर लापरवाही से नाराज़ किसानों का मऊगंज में उग्र जल सत्याग्रह Aajtak24 News

करोड़ों खर्च, लाभ शून्य! सिंचाई योजनाओं में घोर लापरवाही से नाराज़ किसानों का मऊगंज में उग्र जल सत्याग्रह Aajtak24 News

मऊगंज - मऊगंज जिले में सिंचाई की दयनीय स्थिति, सूखे पड़े तालाबों और भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हो चुके बांधों के खिलाफ किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। बुधवार को राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ जिला इकाई मऊगंज के आह्वान पर किसानों ने एक अभूतपूर्व विरोध दर्ज करते हुए रकरी तालाब (पचपहरा) में एक दिवसीय अर्धनग्न जल सत्याग्रह किया। प्रदर्शन के उपरांत किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक विस्तृत ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा।

पानी नहीं, फिर भी सिंचित क्षेत्र का दावा

जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह सेंगर ने विरोध का नेतृत्व करते हुए शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि जिले में वर्ष 2009-10 से 2015-16 के बीच सिंचाई परियोजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन अधिकांश बांधों में पानी रुकता ही नहीं है। सेंगर ने कहा, "इतनी बड़ी धनराशि खर्च होने के बावजूद आज तक किसानों को सिंचाई का कोई वास्तविक लाभ नहीं मिल सका है। उन्होंने सरकारी अधिकारियों के दावों को झूठा बताते हुए कहा कि अधिकारी भाषणों में रीवा और मऊगंज क्षेत्र को 'सिंचित' घोषित करते हैं, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि किसानों के तालाबों में पशु-पक्षियों तक के लिए पीने का पानी नहीं बचा है। यह स्थिति कृषि और किसानों के लिए बेहद निराशाजनक है।

अतिवृष्टि से बांध क्षतिग्रस्त, प्रशासन मौन

सेंगर ने इस बात पर भी रोष व्यक्त किया कि हाल ही में वर्ष 2025-26 में हुई अतिवृष्टि (भारी बारिश) के कारण रकरी, नंदनपुर और पिपरक्षता जैसे महत्वपूर्ण सिंचाई बांध बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इस गंभीर स्थिति के बावजूद, स्थानीय प्रशासन ने उनकी मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया और मौन बना रहा। किसानों ने कहा कि जब उनकी बार-बार की गुहार अनसुनी कर दी गई, तब उनके पास तालाब के ठंडे पानी में उतरकर अर्धनग्न प्रदर्शन करने और इस जल सत्याग्रह के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था।

मांगें और ज्ञापन

जल सत्याग्रह के समापन के बाद, महासंघ के नेताओं और किसानों ने एकजुट होकर तहसीलदार जीतेंद्र द्विवेदी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन में जिला महामंत्री गिरीश पटेल, उपाध्यक्ष बी.पी. सिंह, मीडिया प्रभारी पंकज सिंह, मार्गदर्शक राकेश रतन सिंह सहित अनेक किसान मौजूद रहे।

किसानों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. सभी खराब हो चुके और रिसावग्रस्त सिंचाई बांधों की तत्काल प्रभाव से मरम्मत शुरू की जाए।

  2. बांधों को आगामी रबी सीजन (सर्दियों की फसल) के लिए पूरी तरह से उपयोगी बनाया जाए ताकि किसानों को समय पर सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके।

किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अपने विरोध प्रदर्शन को और उग्र करने के लिए बाध्य होंगे।



Post a Comment

Previous Post Next Post