विंध्य क्षेत्र में बेमौसम वर्षा का कहर: धान की फसलें नष्ट, किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट Aajtak24 News

विंध्य क्षेत्र में बेमौसम वर्षा का कहर: धान की फसलें नष्ट, किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट Aajtak24 News

मऊगंज - विंध्य क्षेत्र की उपजाऊ धरती पर इस बार किसानों की मेहनत बेमौसम हो रही लगातार बारिश की भेंट चढ़ गई है। मऊगंज, हनुमना और नईगढ़ी सहित आस-पास के कई इलाकों में लगातार हो रही वर्षा ने किसानों की आय और जीवन पर गहरा संकट ला दिया है। खेतों में चारों ओर पानी भर जाने से हालात बदतर हो गए हैं। किसानों ने बताया कि उनकी चार महीने की मेहनत बारिश में पूरी तरह खराब हो रही है। कटी हुई धान की फसलें सड़ने लगी हैं, जबकि खड़ी फसलें भीगकर ज़मीन पर झुककर गिर गई हैं। किसान नरेंद्र बहादुर सिंह ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, "धान कट चुकी थी, लेकिन खेत में पानी भर जाने से अब फसल सड़ने लगी है, हमारी सारी मेहनत बेकार हो गई है।" वहीं, किसान कमरुद्दीन खान ने बताया कि आंधिया पर धान की फसल लगाई थी, जिसे बारिश ने पूरी तरह चौपट कर दिया है।

खलिहान की फसल भी सुरक्षित नहीं

गीली ज़मीन और पानी के कारण खेतों तक कृषि वाहन भी नहीं पहुँच पा रहे हैं, जिससे कटी हुई फसल को खेत से निकालना बेहद मुश्किल हो गया है। जिन किसानों ने फसल काटकर खलिहान में रखी थी, उन्होंने उसे तिरपाल से ढकने की कोशिश की, लेकिन लगातार हो रही वर्षा के आगे वह कोशिश भी बेअसर साबित हुई। इस बेमौसम बारिश के कारण धान की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ने और उपज में भारी कमी आने की आशंका है। कई क्षेत्रों में धान के पौधों में अंकुर फूटने का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे फसल पूरी तरह बर्बाद हो सकती है। नईगढ़ी के प्रगतिशील किसान और कृषि उपज मंडी समिति के पूर्व सदस्य उमाशंकर त्रिपाठी ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा, "असमय वर्षा से किसानों की कटी और खड़ी दोनों ही फसलें नष्ट हो गई हैं। प्रशासन से निवेदन है कि नुकसान का जल्द सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, अन्यथा किसानों के सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा।



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