रीवा में अवैध प्लॉटिंग पर बड़ी सख्ती: आयुक्त ने दिया निर्देश— सभी 'आम रास्ते' तत्काल राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हों Aajtak24 News

रीवा में अवैध प्लॉटिंग पर बड़ी सख्ती: आयुक्त ने दिया निर्देश— सभी 'आम रास्ते' तत्काल राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हों Aajtak24 News

रीवा - रीवा जिले में लगातार बढ़ रही अवैध प्लॉटिंग और आम रास्तों पर हो रहे अतिक्रमण को देखते हुए आयुक्त रीवा संभाग, रीवा ने कलेक्टर रीवा को एक महत्वपूर्ण पत्र जारी किया है। पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि जिले के नगर निगम क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में चल रही अथवा पूर्व में हो चुकी प्लॉटिंग में सभी आम रास्तों (Public Pathways) को राजस्व अभिलेख में दर्ज कराया जाए, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद या अवैध विक्रय की स्थिति उत्पन्न न हो।

बी.के. माला एडवोकेट रीवा की शिकायत पर हुई कार्रवाई

यह निर्देश बी.के. माला एडवोकेट रीवा द्वारा प्रस्तुत एक आवेदन के आधार पर जारी किए गए हैं। आवेदन में बताया गया कि रीवा जिले के अनेक क्षेत्रों में हो रही प्लॉटिंग में आम रास्तों का हिस्सा राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। इस कारण कुछ व्यक्तियों द्वारा इन रास्तों को निजी भूमि बताकर विक्रय करने या कब्जा करने की घटनाएँ सामने आ रही हैं।

आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया कि कई बार ऐसे मामलों के कारण किसानों और आम नागरिकों के खेत या आवागमन मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर विवाद उत्पन्न होते हैं। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश  हर आम रास्ता दर्ज हो राजस्व रिकॉर्ड में आयुक्त ने पत्र के माध्यम से कलेक्टर रीवा को निर्देशित किया है कि जिले के सभी राजस्व अधिकारियों, राजस्व निरीक्षकों और हल्का पटवारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएँ कि वे अपने-अपने क्षेत्र में स्थित सभी आम रास्तों का राजस्व अभिलेखों में समुचित रूप से उल्लेख करें। इसमें विशेष रूप से उन क्षेत्रों को शामिल किया जाए जहाँ नई या पुरानी प्लॉटिंग की गई है तथा जहाँ से होकर किसानों या ग्रामीणों का आना-जाना होता है।

राजस्व अभिलेख में दर्ज न होने से बढ़ रहे विवाद

सूत्रों के अनुसार, रीवा शहर के अनेक प्रमुख मार्ग  जिनमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) तथा एमपीआरडीसी (MPRDC) के अंतर्गत आने वाली सड़कें भी शामिल हैं  अब तक राजस्व अभिलेखों में स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं हैं। इस कारण इन मार्गों पर अतिक्रमण और स्वामित्व विवादों की स्थिति बनी रहती है। इन मार्गों का राजस्व रिकार्ड में दर्ज न होना, न केवल जनता के आवागमन में बाधा उत्पन्न करता है, बल्कि राजस्व न्यायालयों में मुकदमों की संख्या में भी लगातार वृद्धि कर रहा है।



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