कोल्ड्रिफ सिरप से बच्चों की मौत पर मध्य प्रदेश सरकार का कड़ा एक्शन Aajtak24 News

कोल्ड्रिफ सिरप से बच्चों की मौत पर मध्य प्रदेश सरकार का कड़ा एक्शन Aajtak24 News

भोपाल/छिंदवाड़ा - मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप (Coldrif Syrup) के सेवन से 9 बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में तत्काल प्रभाव से सिरप की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। सीएम ने अपनी 'एक्स' पोस्ट और सख्त चेतावनी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि सिरप बनाने वाली कंपनी, श्रीसन फार्मास्युटिकल, के अन्य सभी उत्पादों की बिक्री और वितरण पर भी राज्यभर में रोक लगाई जा रही है। जांच में यह पुष्टि हुई है कि सिरप में 'डायथिलीन ग्लाइकॉल' नामक जहरीला पदार्थ (48.6% w/v) पाया गया, जिसने सामग्री को स्वास्थ्य के लिए घातक बना दिया।

तमिलनाडु की रिपोर्ट पर सीएम का 'कड़ा एक्शन'

यह सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित फैक्ट्री में बनाया जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घटना के संज्ञान में आते ही तमिलनाडु सरकार से इसकी जांच का अनुरोध किया था। आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर, मध्य प्रदेश सरकार ने बिना देरी किए कड़े कदम उठाए।

सीएम डॉ. मोहन यादव का अल्टीमेटम: सीएम ने कहा, "छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्य प्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।" उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी, और राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

जारी आदेश में 6-सूत्रीय सख्त निर्देश

बच्चों की सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने तुरंत औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत निम्नलिखित 6-सूत्रीय निर्देश जारी किए हैं:

  1. बिक्री पर तत्काल रोक: संबंधित औषधि की बिक्री तत्काल प्रभाव से रोकी जाए और इसकी अनुपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

  2. जब्त और फ्रीज: यदि सिरप उपलब्ध पाया जाता है, तो उसे तुरंत जब्त किया जाए और 'निपटान न करने के निर्देश' के साथ फ्रीज किया जाए।

  3. नमूना परीक्षण: सिरप का नमूना परीक्षण/विश्लेषण के लिए तुरंत और केवल हाथ से औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं को भेजा जाए।

  4. अन्य बैचों पर कार्रवाई: यह सुनिश्चित किया जाए कि अन्य बैचों के कोल्ड्रिफ सिरप की उपलब्धता न हो; यदि उपलब्ध हो, तो उन्हें भी तुरंत फ्रीज कर नमूने लिए जाएं।

  5. सभी उत्पादों पर बैन: व्यापक जनहित में, कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल द्वारा निर्मित अन्य सभी उत्पादों की बिक्री और वितरण पर रोक लगाई जाए, और उनके कानूनी नमूने लिए जाएं।

  6. कड़ी निगरानी: संबंधित दवा की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।

दवा गुणवत्ता पर बड़ा सबक और केंद्र की एडवाइजरी

यह घटना न केवल छिंदवाड़ा, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा सबक है। मध्य प्रदेश सरकार ने दवाइयों की गुणवत्ता और उनकी जांच प्रक्रिया को और सख्त करने का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि बच्चों की जान की कीमत पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इस बीच, केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने भी एडवाइजरी जारी कर कहा है कि:

  • दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए।

  • पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए भी कफ सिरप की अनुशंसा नहीं की जाती है, क्योंकि खांसी की बीमारियां स्वतः ही ठीक हो जाती हैं।

  • राज्य सरकारें डॉक्टरों और फार्मासिस्टों को कफ सिरप के विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में बताएं।

गौरतलब है कि तमिलनाडु में इस सिरप को पहले ही बैन कर दिया गया था, और कोल्ड्रिफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश और राजस्थान में कुल 12 बच्चों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार की विशेष जांच टीम (SIT) अब इस पूरे मामले की गहन जांच कर दोषियों को चिह्नित करेगी।


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