![]() |
| रीवा में मेडिकल नशे का जाल गहराता जा रहा — बड़े कारोबारी अब भी पुलिस की पकड़ से दूर Aajtak24 News |
रीवा - जिले में मेडिकल नशे का अवैध कारोबार दिन-ब-दिन तेजी से फैलता जा रहा है। एक ओर पुलिस छोटे स्तर पर कार्यवाही कर खानापूर्ति कर रही है, वहीं दूसरी ओर नशे का यह नेटवर्क जड़ें जमाता जा रहा है। जिले के शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण अंचलों तक अब मेडिकल नशे की सिरप, गोलियां और इंजेक्शन खुलेआम बिक रहे हैं। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि युवा वर्ग बड़ी संख्या में इस नशे की गिरफ्त में आ चुका है।
युवा पीढ़ी पर नशे का कहर
मेडिकल नशे की गिरफ्त में फंसते युवा अपराध की राह पकड़ रहे हैं। कई युवक नशे की लत पूरी करने के लिए चोरी, लूट और मारपीट जैसी वारदातों में शामिल हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिरप और गोलियां शराब से भी अधिक खतरनाक साबित हो रही हैं। कई युवाओं की मानसिक और शारीरिक सेहत पूरी तरह बिगड़ चुकी है, फिर भी जिले में इन नशीली दवाओं का कारोबार धड़ल्ले से जारी है।
छोटे आरोपियों तक सीमित पुलिस कार्रवाई
पुलिस एवं प्रशासन की कार्रवाई केवल छोटे स्तर के आरोपियों तक सीमित है। हर बार कुछ बोतलें और सिरप बरामद कर औपचारिक रिपोर्ट बना दी जाती है, लेकिन बड़े कारोबारी अब भी खुलेआम इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं। नशे की बड़ी खेपें कोरियर और मेडिकल स्टोर के माध्यम से जिले में पहुंचाई जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से मेडिकल नशे की सिरप की बड़ी मात्रा रीवा भेजी जाती है, जो आगे ग्रामीण अंचलों में खपाई जाती है।
मेडिकल स्टोर बन रहे नशे के अड्डे
जिले के कई मेडिकल स्टोर अब नशे के केंद्र बन चुके हैं। डॉक्टरों के पर्चों के सहारे कफ सिरप और नशीली गोलियां बेची जा रही हैं। कई जगह बिना किसी पर्चे के भी युवाओं को यह सिरप ₹500 से ₹1000 तक की ऊंची कीमतों पर उपलब्ध कराई जा रही है। प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि इन स्टोरों के पीछे कुछ बड़े व्यापारी और प्रभावशाली लोग हैं जिन तक पुलिस पहुंच नहीं पा रही है।
अपराध के ग्राफ में लगातार बढ़ोतरी
मेडिकल नशे की बढ़ती लत का सीधा असर जिले में बढ़ते अपराधों पर देखा जा सकता है। नशे के कारण पिछले कुछ वर्षों में लूट, चोरी, हत्या और आत्महत्याओं की घटनाओं में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। हाल के महीनों में पुलिस ने नशे की सिरप की कई खेपें पकड़ीं, लेकिन यह कार्रवाई पूरे नेटवर्क के सामने नगण्य है।
‘उड़ता पंजाब’ की राह पर रीवा
यदि हालात यूं ही बने रहे तो आने वाले समय में रीवा जिला ‘उड़ता पंजाब’ की राह पर पहुंच जाएगा। जिस तरह पंजाब में नशे ने एक पूरी पीढ़ी को बर्बाद किया, वैसा ही दृश्य अब यहां देखने को मिल रहा है। बढ़ती बेरोजगारी, प्रशासनिक लापरवाही और मेडिकल माफिया के गठजोड़ ने जिले की स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
जागरूक नागरिकों, सामाजिक संगठनों और अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि मेडिकल नशे के खिलाफ व्यापक और सख्त कार्रवाई की जाए। नशे की सिरप और गोलियों की बिक्री पर निगरानी के लिए विशेष टीम गठित की जाए तथा उन डॉक्टरों और मेडिकल स्टोरों पर भी कार्रवाई हो जो जानबूझकर युवाओं को यह जानलेवा नशा उपलब्ध करा रहे हैं।
