मिलावट का 'सुनहरा' खेल! सोने-चांदी के नाम पर पीतल और सिल्वर बेचकर लूटी जा रही ग्राहकों की गाढ़ी कमाई Aajtak24 News

मिलावट का 'सुनहरा' खेल! सोने-चांदी के नाम पर पीतल और सिल्वर बेचकर लूटी जा रही ग्राहकों की गाढ़ी कमाई Aajtak24 News

रीवा/मऊगंज - देश में सोने-चांदी की शुद्धता को लेकर सरकार के सख्त नियमों के बावजूद, स्थानीय और ग्रामीण अंचलों में मिलावटी धातुओं की बिक्री बेरोकटोक जारी है। उपभोक्ता आज भी पीतल और सिल्वर मिश्रित सोना-चांदी खरीदने को विवश हैं, जिससे उनकी गाढ़ी कमाई पर सीधा चूना लग रहा है। इस धोखाधड़ी का सबसे बड़ा कारण जिला और ग्रामीण क्षेत्रों में धातुओं की परख करने वाली आधुनिक मशीनों की अनुपलब्धता है।

दस हज़ार से अधिक दुकानें, अकूत संपत्ति का रहस्य

रीवा और मऊगंज जैसे क्षेत्रों में ग्राम पंचायत, नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों में सोने-चांदी की दुकानों की संख्या दस हजार से भी अधिक है। इन दुकान संचालकों के तेजी से करोड़पति बनने के स्रोत पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है। रिपोर्ट में सवाल उठाया गया है कि इन व्यापारियों की कमाई का आखिर क्या आधार है कि इन्हें अकूत संपत्ति बनाने में देर नहीं लगती, जबकि उपभोक्ताओं को मिलावटी सामान बेचा जा रहा है।

शुद्धता के पैमाने पर बड़ी धोखाधड़ी

आधुनिक विज्ञान के युग में सोने की शुद्धता जांचने के लिए एक्स-रे फ्लोरोसेंट (XRF) जैसी मशीनें उपलब्ध हैं, लेकिन स्थानीय व्यापारी इनका उपयोग नहीं करते। शुद्धता के प्रमुख पैमाने इस प्रकार हैं (यदि 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1,00,000 मानी जाए):

शुद्धता का प्रकारशुद्धता (%)बाजार मूल्य (लगभग)
24 कैरेट100%₹1,00,000
22 कैरेट91.6%₹91,600
18 कैरेट75%₹75,000
14 कैरेट58.3%₹58,300

वर्तमान में, सोना-चांदी व्यापारी अक्सर उपभोक्ताओं को 22 कैरेट का सोना देकर 24 कैरेट का पैसा लूट रहे हैं। इसके अतिरिक्त, आभूषण बनवाने का चार्ज (मेकिंग चार्ज) और अन्य भत्ते भी काटे जाते हैं, जिससे यदि सोने का वास्तविक मूल्य ₹1,00,000 है तो जेवरात 1,10,000 रुपये या उससे अधिक के पड़ते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, आभूषणों में जितनी अधिक कढ़ाई या जटिल डिज़ाइन होगी, उनकी शुद्धता पर प्रश्नचिन्ह उतना ही गहरा होता जाता है।

उपभोक्ता हो जाएं जागरूक

यह रिपोर्ट उपभोक्ता, सरकार और संबंधित विभाग को जागरूक करने का उद्देश्य रखती है। आज के वैज्ञानिक दौर में, यह उपभोक्ताओं का अधिकार है कि वे अपने खरीदे हुए जेवरातों की गंभीरतापूर्वक जांच कराएँ। विशेषज्ञों की सलाह है कि खरीदारी करते समय उपभोक्ता धातुओं की परख अवश्य करवाएं। खासतौर पर, जब कोई आभूषण उपहार के लिए खरीदा जाता है, तो विक्रेता अक्सर अधिक मिलावट वाला सामान दे देते हैं। उपभोक्ताओं से आग्रह किया गया है कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें और शुद्धता जांच के बाद ही खरीदारी करें।

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