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| सिरप नहीं, 'मौत का घूंट' थी वो: 5 माह के मासूम की कब्र खुली, मऊगंज 'सिरप कांड' से उड़े होश! Aajtak24 News |
मऊगंज - मऊगंज जिले के हनुमना क्षेत्र में एक दर्दनाक और स्तब्ध कर देने वाला घटनाक्रम सामने आया है, जिसने समूचे स्वास्थ्य तंत्र और अनधिकृत दवा बिक्री पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महज 5 माह के एक मासूम की मौत के रहस्य को जानने के लिए, घटना के 5 दिन बाद, प्रशासन को कब्र खोदकर मासूम का शव बाहर निकालना पड़ा है। यह घटना केवल एक बच्चे की मौत नहीं, बल्कि बिना पर्ची सिरप बेचने वाले मेडिकल माफिया और प्रशासनिक शिथिलता का काला अध्याय है, जिसके बाद अब पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
💉 बिना पर्ची सिरप, चंद मिनटों में मौत
मामला मऊगंज जिले के ग्राम खटखरी का है। खटखरी निवासी यादव परिवार का 5 माह का मासूम सामान्य सर्दी-खांसी से परेशान था। बच्चे की मां, श्वेता यादव, उसे लेकर खटखरी बाजार में संचालित एक मेडिकल स्टोर पर पहुँचीं।
चौंकाने वाला तथ्य: मेडिकल स्टोर संचालक ने किसी भी डॉक्टर की सलाह या पर्ची के बिना ही अपनी दुकान में रखी सिरप बच्चे को पिला दी।
परिजनों का दावा है कि सिरप पिलाने के महज चंद मिनटों बाद ही बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और मां की गोद में ही उसने दम तोड़ दिया।
यह घटना स्पष्ट करती है कि बिना किसी चिकित्सा ज्ञान के बेची जा रही दवाइयाँ मासूमों के लिए 'मौत का घूंट' साबित हो रही हैं।
🕵️ मौत के रहस्य पर पर्दा? 5 दिन बाद जागा प्रशासन
शुरुआत में, परिजनों ने किसी शिकायत के बिना बच्चे के शव को दफन कर दिया था। लेकिन जैसे ही यह 'सिरप कांड' चर्चा में आया, स्थानीय जिला प्रशासन और पुलिस को मामले की गंभीरता समझ आई।
प्रशासन ने तत्काल संबंधित मेडिकल स्टोर को सील कर दिया और बिना डॉक्टर की पर्ची के दवा देने के गंभीर आरोप में संचालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया।
हालांकि, मौत के सटीक कारण पर संदेह बरकरार था। इसी सच्चाई को सामने लाने के लिए, पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में, जमीन में दफन किए गए मासूम के शव को बाहर निकाला गया। यह एक अत्यंत संवेदनशील और दुर्लभ कदम है, जो बताता है कि प्रशासन अब इस मामले की तह तक जाने के लिए मजबूर हो गया है।
🔬 रीवा मेडिकल कॉलेज में होगा 'न्याय का पोस्टमार्टम'
शव को अब रीवा स्थित श्यामशाह मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है। यहाँ न सिर्फ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा, बल्कि फोरेंसिक जांच (Forensic Examination) भी कराई जाएगी। जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि बच्चे की मृत्यु का कारण वास्तव में वही सिरप थी, या इसके पीछे कोई अन्य अनजाना पहलू छिपा है। यह पोस्टमार्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट ही तय करेगी कि क्या मासूम की मौत के लिए मेडिकल स्टोर संचालक की लापरवाही सीधे तौर पर जिम्मेदार थी।
मऊगंज का यह 'सिरप कांड' उन सभी अनधिकृत मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए एक कड़ी चेतावनी है, जो बिना डिग्री और डॉक्टर की पर्ची के लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। स्थानीय जनता अब इंतजार कर रही है कि क्या इस मासूम की मौत के बाद जिले में दवा बिक्री के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
