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| सहकार से संस्कार तक' की साधना: मैहर में सहकार भारती की प्रांतीय बैठक का सफल समापन Aajtak24 News |
मैहर - मां शारदा देवी के पवित्र प्रांगण, मैहर में सहकार भारती की दो दिवसीय प्रांतीय बैठक का सफल समापन हुआ, जिसने मध्य प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को 'संस्कार, समरसता और स्वावलंबन' के त्रिवेणी संगम से जोड़ दिया है। यह आयोजन केवल संगठनात्मक बैठक नहीं थी, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए 'सहकार के संग संस्कार की साधना' का जीवंत प्रतीक बनकर उभरा है।
🔥 उद्घाटन सत्र में गूंजा आदर्श: "सहकारिता केवल बैंक नहीं, यह जीवन दर्शन है"
बैठक के अंतिम दिन के उद्घाटन सत्र ने सहकारिता के मूल आदर्शों को मजबूती दी। मनगवा विधायक कृष्णकांत चतुर्वेदी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न इस सत्र में सहकार भारती के शीर्ष नेतृत्व ने मार्गदर्शन किया।
प्रदेश महामंत्री राकेश चौहान ने सहकारिता के दायरे को विस्तार देते हुए कहा कि:
"सहकारिता का मूल लक्ष्य केवल आर्थिक लेनदेन नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति से परिवार, परिवार से समाज और समाज से राष्ट्र निर्माण की दिशा में किया गया सामूहिक प्रयास है। हमारा विश्वास है कि बिना संस्कार नहीं सहकार, और बिना सहकार नहीं उद्धार।
राष्ट्रीय मंत्री गजेंद्र गौतम ने सहकार भारती के वृहद दृष्टिकोण को सामने रखा। उन्होंने कहा कि संगठन का उद्देश्य केवल सफल संस्थान चलाना नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता को साधते हुए एक संस्कारवान समाज गढ़ना है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि सहकारिता को अपनाकर ही संस्कृति और विकास का संतुलन संभव है। इस सत्र का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष ऋषि शुक्ला ने किया, जबकि प्रदेश प्रचार प्रमुख राहुल गुप्ता द्वारा प्रस्तुत ओजस्वी सहकार गीत ने उपस्थित कार्यकर्ताओं में संगठन के प्रति नई ऊर्जा और समर्पण का भाव जगाया।
🚀 'मिशन 5 माह': पैक्स सम्मेलन और जिला अभ्यास वर्ग की विराट कार्ययोजना
बैठक के दूसरे और सबसे महत्वपूर्ण संगठन समिति सत्र में, आगामी पांच माह की व्यापक रणनीति और संगठनात्मक विस्तार की रूपरेखा तैयार की गई। राष्ट्रीय मंत्री गजेंद्र गौतम और प्रदेश महामंत्री राकेश चौहान ने संयुक्त रूप से इस कार्ययोजना का खाका प्रस्तुत किया।
प्रमुख संगठनात्मक लक्ष्य:
पैक्स सम्मेलन: प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मजबूत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर सम्मेलन आयोजित करना।
राष्ट्रीय पदाधिकारियों का प्रवास: संगठन को ज़मीनी स्तर पर सशक्त करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों का हर जिले में सघन प्रवास।
जिला अभ्यास वर्ग: कार्यकर्ताओं को सहकारिता के सिद्धांतों और संगठनात्मक अनुशासन का प्रशिक्षण देना।
इन लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने के लिए संगठन में एक बड़ा बदलाव किया गया है। विभाग से लेकर जिला स्तर तक एक 'जंबो कार्यकारिणी' का गठन किया गया है। प्रत्येक क्षेत्र के लिए टोली प्रमुख और पालक अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो सहकार भारती के नेटवर्क को प्रदेश के हर गांव और हर घर तक सशक्त रूप से पहुँचाने की जिम्मेदारी संभालेंगे।
🛡️ अनुशासन की नींव पर मजबूत होगा संगठन: संगठन मंत्री का मंत्र
समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रदेश संगठन मंत्री राधेश्याम जलछत्री ने संगठन की आंतरिक शक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट किया कि सहकार भारती की सबसे बड़ी पूंजी उसके संस्कारवान और अनुशासित कार्यकर्ता हैं।
"कार्यकर्ता निर्माण ही संगठन की असली साधना है।" — श्री जलछत्री ने कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि यदि वे समर्पित और अनुशासित रहेंगे, तो संगठन की जड़ें कभी कमजोर नहीं होंगी। उन्होंने आने वाले समय में हर गतिविधि में पारदर्शिता, टीम वर्क और सामाजिक उत्थान की भावना को सर्वोपरि रखने का निर्देश दिया।
मैहर में संपन्न यह दो दिवसीय प्रांतीय बैठक केवल कागजी कार्यवाही नहीं थी, बल्कि यह सहकारिता के भारतीय दर्शन को नए सिरे से स्थापित करने का एक सफल प्रयास था। बैठक का अंतिम संदेश स्पष्ट था: "सहकार से संस्कार, और संस्कार से उद्धार।

