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हाई कोर्ट विवाद से गरमाया शहर: बच्चों की सुरक्षा के लिए कलेक्टर ने दिए स्कूल बंद करने के आदेश |
ग्वालियर - डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर उठे विवाद के कारण ग्वालियर शहर में भारी तनाव की स्थिति बनी हुई है। सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को 'सबक सिखाने' की चुनौतियों और संभावित टकराव को देखते हुए, प्रशासन ने 15 अक्टूबर को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं। कलेक्टर रुचिका चौहान ने छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए जिले के 12वीं क्लास तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है।
शहर बना पुलिस छावनी: अभूतपूर्व सुरक्षा इंतज़ाम
कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए लगभग 4,000 पुलिस कर्मियों को शहर के चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है। ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया और शिवपुरी सहित छह जिलों की सीमाओं पर 30 से ज़्यादा चेकपॉइंट बनाए गए हैं, जबकि अकेले ग्वालियर में 36 प्रमुख स्थानों पर नाकाबंदी की गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जिले में धारा 163 (प्रतिबंधात्मक आदेश) सख्ती से लागू कर दी गई है। इसके तहत, बिना पूर्व अनुमति के किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन, रैली, या सार्वजनिक सभा की इजाजत नहीं होगी। पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी—इंस्पेक्टर जनरल, DIG और SSP—सभी इलाकों पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। यह कदम विशेष रूप से बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
विवाद की जड़: हाई कोर्ट परिसर और विवादित टिप्पणी
यह पूरा विवाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने के मुद्दे से शुरू हुआ था, जो मई 2025 से ही गरमाया हुआ है। प्रतिमा लगाने के मुद्दे पर वकीलों के दो गुटों में कई बार बहस और झड़पें हुईं। हाल ही में, हाई कोर्ट के वकील अनिल मिश्रा द्वारा डॉ. अंबेडकर पर की गई विवादित टिप्पणी ने इस तनाव को और बढ़ा दिया। इस टिप्पणी के बाद, SC और ST संगठनों (जैसे भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी) ने तीखा विरोध जताया और 15 अक्टूबर को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी। इसके जवाब में, सवर्ण समाज के लोगों ने भी शक्ति प्रदर्शन की चुनौती दी थी, जिससे टकराव की आशंका पैदा हो गई थी।
राहत की खबर और प्रशासन का सख्त रुख
हालांकि, प्रशासन ने विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों और संगठनों के साथ शांति समिति की बैठक की। इस बैठक के बाद संगठनों ने 15 अक्टूबर का प्रस्तावित आंदोलन फिलहाल स्थगित करने की सहमति दी है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने स्पष्ट किया है कि महापुरुषों और धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुँचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की साइबर टीम सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट फैलाने वालों पर कड़ी नज़र रख रही है। अब तक 260 से अधिक भड़काऊ पोस्ट हटाए जा चुके हैं और 50 से ज़्यादा लोगों को नोटिस भेजे गए हैं। आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले वकील अनिल मिश्रा के खिलाफ ग्वालियर और महाराष्ट्र में दो FIR भी दर्ज की गई हैं। फिलहाल, ग्वालियर में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है, लेकिन प्रशासन किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।