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रायपुर कर्चुलियान तहसील पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का महासंग्राम, 20 सूत्रीय जनहित मांगों को लेकर Aajtak24 News |
रीवा। रीवा जिले की रायपुर कर्चुलियान तहसील बीते सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 को किसानों, मजदूरों और गरीबों की लंबित तथा गंभीर समस्याओं को लेकर हुए एक विशाल जनआंदोलन की साक्षी बनी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के बैनर तले आयोजित इस धरना-प्रदर्शन में गुढ़ विधानसभा क्षेत्र और आस-पास के हजारों ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। सुबह 11 बजे से शुरू हुआ यह आंदोलन जनसमर्थन के दम पर सायं 5 बजे तक चला, जिसने स्थानीय प्रशासन को तत्काल संज्ञान लेने पर मजबूर कर दिया। इस बड़े विरोध प्रदर्शन का सफल नेतृत्व वार्ड क्रमांक 15 के कर्मठ जिला पंचायत सदस्य कामरेड लालमणि त्रिपाठी ने किया। आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए, रायपुर कर्चुलियान के अनुविभागीय अधिकारी (SDO) श्री संजय कुमार जैन स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन स्वीकार किया। कॉमरेड लालमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन के नाम संबोधित 20 सूत्रीय मांगों का एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें मूलभूत सुविधाओं से लेकर कृषि संकट तक के मुद्दों को शामिल किया गया है।
किसानों और गरीबों के लिए संघर्ष का संकल्प:
धरना को संबोधित करते हुए, आंदोलन के केंद्र बिंदु कामरेड लालमणि त्रिपाठी ने भावुक होकर कहा, "मैं गरीब किसान का बेटा हूँ, मैंने किसानों की समस्या और गरीबी को न केवल देखा है बल्कि स्वयं भोगा भी है। इसलिए यह मेरा व्यक्तिगत प्रण है कि जब तक किसानों, गरीबों और मजदूरों की मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, मैं निरंतर संघर्ष की राह पर चलता रहूँगा। धरने के मुख्य अतिथि, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड गया प्रसाद मिश्रा ने केंद्र और राज्य सरकारों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकारें केवल वोट की राजनीति कर रही हैं और जनता से किए वादों से मुकर रही हैं। उन्होंने कहा कि "किसानों की आय दोगुनी करने के वादे हवा हो चुके हैं। हकीकत यह है कि किसानों को आज खाद तक उपलब्ध नहीं है। जो किसान खाद की मांग करते हुए आंदोलन करते हैं, उन पर पुलिस लाठियां बरसाती है।"
आवारा पशु और गौशाला भ्रष्टाचार: कामरेड मिश्रा ने आवारा पशुओं की समस्या को कृषि संकट का एक बड़ा कारण बताया, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। उन्होंने गौशालाओं की व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि गौशालाओं के नाम पर केवल सरकारी धन का भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जबकि पशु सड़कों पर घूमकर फसलों को नष्ट कर रहे हैं।
दलितों-आदिवासियों के पट्टे और मूलभूत सुविधाओं का अभाव: का. सत्यनारायण शुक्ला ने अपने संबोधन में हरिजन और आदिवासी समुदायों से संबंधित एक अत्यंत गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि ये समुदाय पुश्तैनी निवासी होने के बावजूद आज तक पट्टों से वंचित हैं। उनकी बस्तियों में जीवन की मूलभूत सुविधाओं का गंभीर अभाव है। उन्होंने परिवहन संकट पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कई गांवों की स्थिति इतनी दयनीय है कि वे आज भी पक्के आवागमन से वंचित हैं। रात में जब कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है, तो एम्बुलेंस या अन्य आपातकालीन वाहन गंतव्य तक नहीं पहुँच पाते। मजबूरन, ग्रामीणों को अपने मरीजों को कंधों पर ढोकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। उन्होंने शासन-प्रशासन से ऐसे गांवों की पहचान कर सुगम आवागमन की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करने की मांग की।
कचरा प्लांट और पर्यावरण संकट: कामरेडों ने ग्राम पंचायत पहाड़ियां में स्थापित कचरा प्लांट से उत्पन्न हो रहे पर्यावरण संकट पर विशेष ध्यान केंद्रित किया। वक्ताओं ने बताया कि जब से प्लांट लगा है, उससे जहरीली गैस और बदबूदार गंदगी निकलती है, जिसके कारण पहाड़ियां और आस-पास के कई गांवों के आम जनमानस को गंभीर बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। सबसे गंभीर आरोप यह लगाया गया कि कचरा प्लांट में निर्धारित निर्माण मानकों के अनुसार कचरा नहीं लाया जाता, बल्कि जिले के बाहर से अवैध रूप से कचरा डंप किया जा रहा है, जिससे गंदगी और प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके साथ ही, ग्राम पहाड़िया के एक महत्वपूर्ण तालाब पर भू-माफियाओं की नजर होने का भी आरोप लगाया गया और इसे बचाने की मांग की गई।
धरना-प्रदर्शन का संचालन कामरेड हरिश्चंद्र पांडेय (पूर्व सरपंच, दुआरी) ने किया। इस अवसर पर विचार व्यक्त करने वालों में कामरेड रामानुज तिवारी (भाकापा, जिला सह सचिव), कामरेड कुंदेश्वर द्विवेदी (पूर्व सरपंच), वरिष्ठ समाजसेवी रामोराम शुक्ला, गांधी विचार मंच के रामेश्वर गुप्ता, कामरेड उपेन्द्र तिवारी, कामरेड अरुण कुमार पांडेय (एडवोकेट), कामरेड बृजेश प्यासी सहित भैयालाल पटेल, चिंतामणि दुबे, रामसेवक तिवारी, राजेंद्र साकेत, अभिषेक कुमार तिवारी, लालजी पांडेय, शंकर पटेल आदि सैकड़ों नेताओं ने सभा को संबोधित किया।
धरना-प्रदर्शन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतागण और हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिन्होंने एकजुट होकर सरकार से जनहित के मुद्दों पर त्वरित और ठोस कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो पार्टी भविष्य में और भी बड़े जनआंदोलन करने को बाध्य होगी।