विकसित भारत के संकल्प पर मंथन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स-कमिश्नर्स को दिया 'विजन-2047' का रोडमैप; ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि विश्राम अनिवार्य Aajtak24 News

विकसित भारत के संकल्प पर मंथन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स-कमिश्नर्स को दिया 'विजन-2047' का रोडमैप; ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि विश्राम अनिवार्य Aajtak24 News

भोपाल - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कांफ्रेंस जन कल्याण और सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति और सुशासन की प्रभावी व्यवस्था लागू करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कॉन्फ्रेंस को जन कल्याण के विषयों पर मंथन की दृष्टि से सार्थक बताते हुए, मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक प्रमुखों को भविष्य के विजन-2047 के लक्ष्यों पर केंद्रित करते हुए कड़े और स्पष्ट निर्देश दिए।

सुशासन और नवाचार पर जोर

डॉ. यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश ने गत दो वर्षों में अनेक प्रमुख नवाचार किए हैं, जो प्रदेश को विकास की नई दिशा दे रहे हैं। इनमें एयर एंबुलेंस सेवा की शुरुआत, स्वतंत्रता दिवस पर जिला स्तर पर मंत्रीगण द्वारा विकास केंद्रित भाषण, औद्योगीकरण को प्राथमिकता देना, तथा केन-बेतवा और पार्वती-काली सिंध नदी जोड़ो परियोजनाओं की बाधाएं समाप्त कर पहल करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, जनसुविधा के लिए पर्यटन हवाई सेवा, ड्रोन तकनीक का उपयोग, ई-पंजीयन सहित जनसमस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए सुशासन के अंतर्गत विभिन्न व्यवस्थाएं विकसित की गई हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ये नवाचार और सुशासन की प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए।

ग्राउंड जीरो पर सक्रियता: 'टीम बनाकर काम करें'

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि अब अधिकारियों को केवल मुख्यालय में बैठकर काम नहीं करना है, बल्कि ज़मीनी स्तर पर सक्रियता दिखानी होगी:

  • विजन-2047 के तहत सभी अधिकारी प्रथम पाँच वर्ष की योजना पर तत्काल कार्य करें।

  • कलेक्टर, सीईओ, एसपी और डीएफओ अनिवार्य रूप से टीम बनाकर अपने जिले में कार्य करें, जिससे प्रशासनिक तालमेल बेहतर हो।

  • ग्रामीण जीवन की समस्याओं को समझने के लिए, कलेक्टर, सीईओ एवं अन्य अधिकारी अनिवार्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि विश्राम करें।

  • जन प्रतिनिधियों से संवादहीनता की शिकायत किसी भी जिले से नहीं आनी चाहिए, यह सुनिश्चित किया जाए।

सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई पर कड़ा रुख

जन शिकायतों के प्रति लापरवाही पर डॉ. यादव ने सख्त चेतावनी दी। उन्होंने निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों के निराकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए और जनसुनवाई में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसे गंभीरता से लिया जाए ताकि आम जनता का विश्वास प्रशासन पर बना रहे।

राजस्व, उद्योग और कृषि में गति

मुख्यमंत्री ने राजस्व, उद्योग और कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई के लिए निम्नलिखित प्रमुख निर्देश दिए:

  • राजस्व प्रकरणों का निराकरण: राजस्व महाभियान के तहत जनवरी 2024 से अब तक एक करोड़ 8 लाख प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। यह कार्यवाही निरंतर जारी रहे और कोई भी राजस्व प्रकरण लंबित नहीं रखा जाए।

  • औद्योगिक विकास: उद्योगों के लिए किए गए एमओयू के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए। साथ ही, पुरानी बंद मिलों की भूमि का यथाशीघ्र निपटारा किया जाए।

  • कृषि में नवाचार: भावान्तर योजना के पंजीयन पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रत्येक जिले में जैविक व प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करें। ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दिया जाए और प्रत्येक जिले में सप्ताह में एक दिन जैविक एवं प्राकृतिक खेती के उत्पादों के लिए बाजार नियत किया जाए। गुलाब की खेती को धार्मिक शहरों के पास प्रोत्साहन दिया जाए।

स्वास्थ्य, शिक्षा और नगरीय विकास की प्राथमिकता

  • स्वास्थ्य सेवाएँ: अस्पतालों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करें। कुपोषण के विरुद्ध अभियान को तेज किया जाए, और स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अमले में पर्याप्त समन्वय रहे। बड़े अस्पतालों को पीपीपी मॉडल में निर्मित करने की दिशा में कार्य हो।

  • नगरीय सुधार: नगरीय निकायों के क्षेत्रों में शहरी यातायात सुधारा जाए। बड़े शहरों में फ्लाई ओवर बनवाएं और अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण की कार्यवाही सख्ती से की जाए।

  • पर्यटन और सद्भाव: धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में संभावनाओं को साकार किया जाए। गीता भवन योजना में गति लाई जाए, जो नगरों में सामाजिक सद्भाव बढ़ाने में सहायक होंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जन कल्याण की अपेक्षाओं पर खरा उतरें और मध्य प्रदेश को प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति में अग्रणी राज्य बनाएं। यह कांफ्रेंस प्रशासनिक अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों और अगले पाँच वर्षों के लिए स्पष्ट कार्य योजना के साथ आगे बढ़ने का आह्वान थी।

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