नईगढ़ी नगर परिषद में फिर बढ़ा विवाद: 12 पार्षदों ने सीएमओ हेमंत त्रिपाठी के खिलाफ की शिकायत, मनमानी का लगाया आरोप Aajtak24 News

नईगढ़ी नगर परिषद में फिर बढ़ा विवाद: 12 पार्षदों ने सीएमओ हेमंत त्रिपाठी के खिलाफ की शिकायत, मनमानी का लगाया आरोप Aajtak24 News

मऊगंज - नईगढ़ी नगर परिषद में एक बार फिर प्रशासनिक टकराव सामने आया है। बुधवार को नगर परिषद नईगढ़ी के 12 पार्षद सामूहिक रूप से मऊगंज कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर संजय कुमार जैन को मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) हेमंत त्रिपाठी के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई। पार्षदों ने आरोप लगाया कि सीएमओ ने नगर परिषद की बैठक में मनमानी करते हुए नियमों को दरकिनार किया और अध्यक्ष के दबाव में अवैधानिक कार्यवाही की। पार्षदों ने अपनी शिकायत में बताया कि 27 अक्टूबर को नगर परिषद नईगढ़ी की बैठक शाम 4 बजे सभागार में बुलाई गई थी। तय समय पर सभी पार्षद सभागार में पहुंच गए, लेकिन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सीएमओ 4:30 बजे तक सभाकक्ष में नहीं पहुंचे। पार्षदों के अनुसार, सीएमओ हेमंत त्रिपाठी ने बैठक सभागार में कराने से इनकार कर दिया और कहा कि बैठक केवल अध्यक्ष के कक्ष में ही होगी। पार्षदों का कहना है कि “जब मीटिंग हॉल निर्धारित है और सभी सदस्य वहीं मौजूद हैं, तो अध्यक्ष कक्ष में बैठक कराने का औचित्य क्या है?” इस बात को लेकर पार्षदों ने विरोध जताया और नारेबाजी करते हुए बैठक से बाहर निकल गए।

वरिष्ठ पार्षद ने संभाली बैठक की कमान

पार्षदों ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 59 के तहत, जब अध्यक्ष अनुपस्थित होता है तो उपस्थित सदस्यों में से वरिष्ठ सदस्य को सभापति बनाकर बैठक कराई जा सकती है। इसी आधार पर पार्षदों ने वार्ड क्रमांक 3 के वरिष्ठ पार्षद छविलाल प्रजापति को सभापति नियुक्त किया और बैठक में चार एजेण्डा बिंदुओं पर चर्चा की।

पार्षदों की मांग

12 पार्षदों ने कलेक्टर से मांग की है कि 27 अक्टूबर की परिषद सभागार में पारित प्रस्तावों को वैध माना जाए और अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सीएमओ की अवैधानिक कार्यवाही को निरस्त किया जाए। साथ ही, सीएमओ हेमंत त्रिपाठी के खिलाफ विभागीय जांच कर कार्रवाई की जाए।

पहले से लंबित है अविश्वास प्रस्ताव

गौरतलब है कि इन 12 पार्षदों ने पहले ही नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जो फिलहाल शासन स्तर पर लंबित है। पार्षदों का कहना है कि वे जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक में शामिल हुए थे, लेकिन अधिकारी और अध्यक्ष की मनमानी के चलते बैठक नहीं हो सकी। स्थिति अब नगर परिषद में टकराव की ओर बढ़ती दिख रही है, जिससे नईगढ़ी परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।



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