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मनरेगा में मृत भी कर रहे मजदूरी! रोजगार सहायकों की लापरवाही से योजनाओं पर भारी सवाल sawal Aajtak24 News |
दमोह - मध्य प्रदेश के दमोह जिले में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन में चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है। ग्राम पंचायत कोटा और सिंगपुर में रोजगार सहायकों द्वारा नियमों को दरकिनार कर मृत व्यक्तियों के नाम पर न केवल मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है, बल्कि पोर्टल पर उनकी हाजिरी और फोटो भी अपलोड की जा रही है। यह कारनामा पिछले दो वर्षों से चल रहा है, जिसने सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं।
कोटा ग्राम पंचायत: दो साल पहले मरे व्यक्ति के नाम पर मजदूरी
ग्राम पंचायत कोटा में, स्वर्गीय कैलाश बर्मन, पिता फेरन बर्मन, जिनका मृत्यु प्रमाण पत्र अगस्त 2022 में ग्राम पंचायत द्वारा जारी किया गया था, उन्हें जून 2024 तक मनरेगा में मजदूरी करते हुए दर्शाया गया। न केवल उनकी हाजिरी डाली गई, बल्कि पोर्टल पर उनकी फोटो भी अपलोड की गई, जिसे अधिकारी देखकर भी अनजान बने रहे। यह घटना बताती है कि कैसे नियमों को ताक पर रखकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।
सिंगपुर ग्राम पंचायत: मृत महिला के खाते में मजदूरी का भुगतान
इसी तरह, ग्राम पंचायत सिंगपुर में लुडकी बाई, पति मूलचंद (जॉब कार्ड क्रमांक 97सी), जिनकी मृत्यु हो चुकी है और जिनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी हो चुका है, उनके नाम पर 29 जून 2025 से 7 जुलाई 2025 तक मनरेगा में मजदूरी दर्ज की गई। उनके खाते में भी एक सप्ताह की मजदूरी डाली गई और पोर्टल पर फोटो भी अपलोड की गई।
योजनाओं के दुरुपयोग पर प्रशासन की चुप्पी
जनपद पंचायत पटेरा के अंतर्गत आने वाली इन ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायकों की इस मनमानी के बावजूद, स्थानीय प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक है। यह मामला दर्शाता है कि कैसे कुछ लोगों की मिलीभगत से गरीब कल्याण की योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है। मृत व्यक्तियों के नाम पर मजदूरी भुगतान करने की यह प्रथा न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है, बल्कि उन जरूरतमंदों को भी वंचित करती है जिन्हें वास्तव में इस योजना का लाभ मिलना चाहिए। इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही है, ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।