रीवा में PWD के 'भ्रष्टाचार' ने एक ही बरसात में बहा दी सड़क, जनता परेशान Aajtak24 News

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रीवा - रीवा जिले में लोक निर्माण विभाग (PWD) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। एक साल पहले ही मनगांव से रघुराजगढ़ तक बनी सड़क एक ही बरसात में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। सड़क पर इतने गहरे गड्ढे हो गए हैं कि वाहनों का आवागमन तो दूर, पैदल चलना भी दूभर हो गया है। ठेकेदारों को दिए जाने वाले सड़क निर्माण के ठेकों में आमतौर पर 5 साल की गारंटी होती है, लेकिन इस सड़क की हालत देखकर लगता है कि यह एक महीने भी नहीं चल पाई। स्थानीय लोगों और ठेकेदारों का आरोप है कि इस 'डामरीकरण घोटाले' में PWD के कार्यपालन यंत्री नितिन पटेल से लेकर निचले स्तर के बाबू तक लिप्त हैं। आरोप है कि नए कार्यपालन यंत्री के आने के बाद से कार्यालय में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। ठेकेदारों का कहना है कि टेंडर वितरण में पक्षपात और जातिवाद किया जा रहा है, और अधिकांश ठेके एक ही व्यक्ति को दिए जा रहे हैं। कार्यालय में आंतरिक विवाद भी सामने आए हैं, जिसमें एक कर्मचारी द्वारा वेतन विवाद को लेकर मांस फेंकने की घटना भी शामिल है। शिकायतें यह भी हैं कि विभाग के एक बाबू कार्यपालन यंत्री के लिए दलाल की तरह काम करते हैं, जो ठेकेदारों से पैसे वसूलकर यंत्री तक पहुंचाते हैं। जनता की शिकायतों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए 'लोकपथ मोबाइल ऐप' और 'सीएम हेल्पलाइन' को भी अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से बंद करा दिया जाता है, जिससे समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। इन गंभीर आरोपों ने लोक निर्माण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है।

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