'बाहरी भगाओ' के नारे से भड़का हंगामा
यह पूरा बवाल गायघाट के जारंग हाईस्कूल मैदान में आयोजित सम्मेलन के दौरान हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में ही जैसे ही लोजपा नेत्री कोमल सिंह मंच के पास पहुँचीं, कुछ स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने "बाहरी भगाओ, गायघाट बचाओ" के नारे लगाने शुरू कर दिए। इन नारों का सीधा निशाना कोमल सिंह थीं, जो वैशाली से सांसद वीणा देवी की बेटी हैं। प्रभात किरण के समर्थक कोमल सिंह का विरोध कर रहे थे, जिसके बाद दोनों पक्षों के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए।
मैदान से लेकर मंच तक हाथापाई
नारेबाजी जल्द ही हाथापाई में बदल गई। कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर जमकर कुर्सियां फेंकीं और मंच की ओर झंडे उछाले गए। इस दौरान गोली चलने की अफवाह भी फैल गई, जिससे लोगों में घबराहट हुई और बड़ी भगदड़ मच गई। इस हंगामे में कई लोग घायल हुए और भारी संख्या में कुर्सियां टूट गईं। झगड़ा सिर्फ मैदान तक ही सीमित नहीं रहा। मंच पर भी प्रभात किरण और कोमल सिंह के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बात इतनी बढ़ी कि मंच पर रखी टेबल पलट दी गई और कुर्सियां तोड़ दी गईं। मंच पर अफरातफरी का माहौल था और स्थिति को संभालने में पुलिस और सुरक्षाकर्मियों के पसीने छूट गए।
सुरक्षा पर सवाल और राजनीतिक संदेश
इस दौरान मंच पर जदयू विधान पार्षद दिनेश सिंह, लोजपा सांसद वीणा देवी और पूर्व मंत्री श्याम रजक जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद थे, जिनके सामने ही हंगामा होता रहा। यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव से पहले NDA के भीतर चल रहे गहरे असंतोष और टिकट बंटवारे को लेकर खींचतान को उजागर करती है। इस घटना ने जनता के बीच भी गठबंधन की छवि को नुकसान पहुँचाया है। जो सम्मेलन कार्यकर्ताओं और जनता में विश्वास जगाने के लिए था, वह हिंसा और अराजकता का प्रतीक बन गया। पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाकर स्थिति को काबू करना पड़ा, लेकिन यह घटना NDA के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है, जो आगामी चुनाव में उसकी एकजुटता की परीक्षा लेगी।