स्वच्छ भारत की हकीकत उजागर करता जनपद पंचायत गंगेव का हाल Aajtak24 News

झाड़ू लगाने और फोटो खींचने से नहीं, जमीनी सफाई से ही साकार होगा प्रधानमंत्री का सपना

रीवा - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए "स्वच्छ भारत, समृद्ध भारत" अभियान का सपना तब ही साकार होगा जब उसकी नींव जमीनी हकीकत पर आधारित हो। जनपद पंचायत गंगेव में इस सपने की असलियत कुछ और ही बयान करती है। यहां स्वच्छता के नाम पर केवल झाड़ू लेकर फोटो खिंचवाने तक सीमित होकर रह गया है, जबकि असल में जनपद कार्यालय की स्थिति बेहद दयनीय है। जनपद परिसर के शौचालयों की हालत इतनी खराब है कि महिला और पुरुष कर्मचारी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। जनपद कार्यालय में कुल पब्लिक शौचालय दो बने हैं, जिनकी दशा इतनी जर्जर है कि वहां ताला लगाकर बंद कर दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि शौचालयों में शराब की बोतलें पड़ी देखी गई हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि स्वच्छता अभियान की जमीनी हकीकत क्या है। स्वच्छ भारत का सपना तब पूरा होगा जब पहले अपने घर और कार्यस्थल को साफ रखे। केवल बाहर झाड़ू लगाने से नहीं, बल्कि अंदर की व्यवस्था सुधारने से ही बदलाव आएगा। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जनपद पंचायत गंगेव की स्वच्छता व्यवस्था की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए ताकि असल जिम्मेदारों की पहचान हो सके और "दूध का दूध, पानी का पानी" हो। जनता की अपेक्षा है कि शासन और प्रशासन स्वच्छ भारत के इस राष्ट्रीय अभियान को गंभीरता से लेकर वास्तविक सुधार की दिशा में कदम उठाएगा।

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