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रीवा नगर निगम का ऐतिहासिक कदम, सरकारी भवनों से भी वसूली Aajtak24 News |
रीवा - नगर निगम के इतिहास का पन्ना इस बार एक अनोखी स्याही से लिखा जा रहा है। नगर निगम आयुक्त डॉ. सौरभ संजय सोनवणे ने वह साहसिक निर्णय लिया है जिसकी कल्पना लंबे समय से नागरिक तो करते थे, पर शासन- प्रशासन हमेशा टालता रहा। अब सरकारी भवन भी नगर निगम के करजाल से बाहर नहीं रहेंगे। नगर निगम ने अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से लेकर श्याम शाह मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े संस्थानों तक को सेवाकर की पाबंदी में शामिल कर लिया है। प्रारंभिक वसूली में 16 विभागों से 1 करोड़ 7 लाख की राशि निगम के खजाने में पहुँची है, जबकि 56 विभागों पर अभी भी 10 करोड़ से अधिक का बकाया चुकाना बाकी है। यदि समस्त बकाया कर वसूल लिया गया तो निगम की आमदनी में लगभग 25% की अभूतपूर्व वृद्धि होगी। अब तक नगर निगम की वसूली केवल वाणिज्यिक और गैर- वाणिज्यिक भवनों तक सीमित थी। किंतु शासन के नए आदेश ने स्थिति बदल दी। नगर निगम की दृष्टि में अब सभी समान हैं, चाहे कोई आम नागरिक हो या विश्वविद्यालय का भव्य भवन। सरकारी संस्थानों से सेवाकर के रूप में 30% से 75% तक कर वसूला जाएगा और इसकी बागडोर स्वयं राजस्व अधिकारी के हाथों में है। डॉ. सोनवणे का यह कथन कि नगर निगम की नजर में सभी एक समान हैं जो कराधान के लोकतांत्रिक भाव को मूर्त रूप देता है। यह निर्णय न केवल नगर निगम की वित्तीय स्थिति को मज़बूत करेगा बल्कि रीवा के भविष्य के विकास कार्यों को भी गत्यात्मक बनाएगा। कर का यह नया अध्याय, निगम की आत्मनिर्भरता का आधार।