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मध्य प्रदेश में किसानों पर पुलिस की बर्बरता: खाद के लिए कतार में लगे किसानों पर लाठीचार्ज Aajtak24 News |
भिंड - मध्य प्रदेश में किसानों की दुर्दशा थमने का नाम नहीं ले रही है। जहां एक ओर राज्य सरकार प्रदेश में पर्याप्त खाद होने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर खाद की किल्लत और बिक्री केंद्रों पर अव्यवस्था के कारण किसानों को पुलिस की लाठियां खानी पड़ रही हैं। रीवा में किसानों पर बल प्रयोग के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा कलेक्टरों को फटकार लगाने और व्यवस्था सुधारने की चेतावनी के बावजूद, भिंड जिले के लहार में खाद के लिए सुबह से भूखे-प्यासे लाइन में लगे किसानों पर पुलिसिया बर्बरता का एक और मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसपी ने एक्शन लेते हुए दोषी पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया है।
लहार में खाद के लिए कतार में लगे किसानों पर पुलिस का कहर
मामला सोमवार का है, जब भिंड जिले के लहार स्थित सहकारी साख समिति पर खाद वितरण के लिए सुबह पांच बजे से ही किसान पहुंच गए थे। हालांकि, किसानों की भारी भीड़ और अव्यवस्थित वितरण व्यवस्था के चलते दोपहर तक हालात बिगड़ने लगे। समिति प्रबंधन द्वारा पुलिस को बुलाए जाने पर, ड्यूटी पर तैनात कार्यवाहक प्रधान आरक्षक रामराज सिंह गुर्जर ने भीड़ को नियंत्रित करने के नाम पर किसानों पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। किसानों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें जमीन पर बैठने के लिए कहा, जिसका उन्होंने विरोध किया। इस विरोध से तैश में आकर प्रधान आरक्षक गुर्जर ने किसानों पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए, जिससे समिति परिसर में अफरातफरी मच गई। कई किसानों को पीठ और हाथों सहित शरीर में कई जगह चोटें आई हैं। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
विधायक नाराज, एसपी ने किया प्रधान आरक्षक को लाइन हाजिर
किसानों पर लाठीचार्ज की खबर मिलते ही लहार विधायक अंबरीश शर्मा ने प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों से बात कर गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने इस घटना को अन्नदाता का अपमान बताते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं, भिंड एसपी असित यादव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल संज्ञान लिया। वीडियो वायरल होने के बाद, एसपी यादव ने प्रधान आरक्षक रामराज सिंह गुर्जर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर पुलिस लाइन अटैच कर दिया है।
सीएम की चेतावनी के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था
यह घटना तब हुई है जब कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीवा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के मामले में रीवा कलेक्टर को कड़ी फटकार लगाई थी। सीएम ने कहा था कि अगर खाद का वितरण ठीक से नहीं हो पा रहा है, तो वे जिला नहीं चला पा रहे हैं और ऐसे कुछ कलेक्टरों को बदला भी जाएगा। बावजूद इसके, भिंड में यह ताजा मामला सामने आना सरकारी दावों की पोल खोलता है और व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।
किसानों की समस्या गंभीर:
यह घटना दर्शाती है कि मध्य प्रदेश में खाद की आपूर्ति और वितरण व्यवस्था कितनी अव्यवस्थित है। एक ओर जहां किसान अपनी फसलों के लिए खाद की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें अपनी मांगों के लिए आवाज उठाने पर पुलिस की बर्बरता का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में, सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह केवल चेतावनियों तक सीमित न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर व्यवस्था में सुधार करे ताकि किसानों को इस तरह की अपमानजनक स्थिति का सामना न करना पड़े।