सीधे लाभ, नो बिचौलिया: बैंक खातों का महत्व
मुख्य अतिथि संतोष कुमार मिश्र ने अपने संबोधन की शुरुआत गांव वालों के प्रति अभिवादन से की और फिर सरकार की प्रमुख योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बैंक खातों के महत्व पर विशेष जोर दिया। श्री मिश्र ने समझाया कि सरकार अब सीधे लाभार्थियों के खातों में राशि भेजती है, जिसे 'डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर' (DBT) कहते हैं। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है और पूरी राशि सीधे लाभार्थी तक पहुंचती है, जो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सहायक है।
उन्होंने यह भी बताया कि कई लोगों ने जनधन योजना के तहत खाते तो खोल लिए हैं, लेकिन वर्षों से उनमें लेन-देन न होने के कारण वे खाते निष्क्रिय हो गए हैं। श्री मिश्र ने सभी से खातों की री-केवाईसी (KYC) कराकर उन्हें सक्रिय करने का आग्रह किया। साथ ही, यदि किसी के पास अनावश्यक रूप से कई खाते हैं और वे लेन-देन नहीं कर पा रहे हैं, तो वे आवेदन देकर उन्हें बंद भी करा सकते हैं।
नॉमिनी का महत्व: अनिश्चित भविष्य के लिए सुरक्षा
वित्तीय साक्षरता का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है नॉमिनी का महत्व। श्री मिश्र ने समझाया कि यदि किसी खाताधारक की मृत्यु हो जाती है और उसने अपने खाते में नॉमिनी का नाम दर्ज नहीं कराया है, तो उसके वारिसों को पैसे प्राप्त करने में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बैंक के चक्कर काटने और लंबी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही वे राशि प्राप्त कर पाते हैं। इसलिए, यह अत्यंत आवश्यक है कि सभी लोग जीते जी अपने खातों में नॉमिनी का नाम अवश्य दर्ज कराएं, ताकि उनके न रहने पर उनके प्रियजन बिना किसी परेशानी के वह राशि प्राप्त कर सकें।
डिजिटल जुड़ाव और सुरक्षा: मोबाइल नंबर का महत्व
श्री मिश्र ने हर खाताधारक को अपने खाते से मोबाइल नंबर लिंक कराने की सलाह दी। इससे खाताधारक को किसी भी राशि के जमा होने या निकलने पर तुरंत मैसेज के माध्यम से सूचित किया जा सकेगा, जिससे किसी भी प्रकार की अनधिकृत गतिविधि का पता तुरंत चल जाएगा।
जन सुरक्षा अभियान: बीमा और पेंशन की अहमियत
सरकार द्वारा चलाए जा रहे जन सुरक्षा अभियान के तहत, श्री मिश्र ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा और जीवन ज्योति बीमा जैसी योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आकस्मिक दुर्घटनाओं में मृत्यु होने पर, ये बीमा योजनाएं नॉमिनी को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती हैं।
उन्होंने अटल पेंशन योजना को "बुढ़ापे की लाठी" की संज्ञा दी। 18 से 40 वर्ष की आयु के महिला-पुरुष इस योजना से जुड़कर 60 वर्ष की आयु के बाद जीवन पर्यंत पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि पेंशनधारक और उसके पति/पत्नी दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो उनके बच्चों को बैंक के माध्यम से ₹8,50,000 की राशि मिलेगी, जो एक गरीब परिवार के लिए बहुत बड़ी आर्थिक संबल हो सकती है।
स्वरोजगार और शिक्षा: आत्मनिर्भरता का मार्ग
श्री मिश्र ने यूनियन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, मऊगंज के बारे में भी जानकारी दी। यहां 63 प्रकार के निशुल्क प्रशिक्षण (जैसे ब्यूटी पार्लर, कढ़ाई, बुनाई, सिलाई आदि) प्रदान किए जाते हैं। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले 18 से 45 वर्ष के लोग इस प्रशिक्षण का लाभ उठाकर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं और फिर बैंक से लोन लेकर अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने एजुकेशन लोन के बारे में भी बताया। कक्षा 12वीं में 85% से ऊपर अंक लाने वाले, आर्थिक रूप से कमजोर और नौकरी या जमीनहीन छात्रों को बैंक से ₹4,50,000 तक का लोन मिल सकता है, जिससे वे अपनी पढ़ाई पूरी कर आत्मनिर्भर बन सकें।
साइबर फ्रॉड से सावधान!
वर्तमान समय में बढ़ती साइबर फ्रॉड की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए, श्री मिश्र ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि लोग जिला पंचायत या बैंक कर्मचारी बनकर फोन करते हैं और ओटीपी या गोपनीय जानकारी मांगकर खातों से पैसे उड़ा लेते हैं। इसलिए, किसी भी अजनबी व्यक्ति से फोन पर अपनी निजी जानकारी साझा न करने की कड़ी हिदायत दी गई।
सरपंच की प्रसन्नता और आभार
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही सरपंच श्रीमती कृष्णा पटेल ने कहा कि आज वे बहुत प्रसन्न हैं कि उनके ग्राम पंचायत में इतना महत्वपूर्ण आयोजन हुआ। उन्होंने मुख्य अतिथि संतोष कुमार मिश्र द्वारा दी गई जानकारी की प्रशंसा की और ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे बैंक से जुड़कर अधिक से अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं, ताकि सरकार की मंशा पूरी हो सके और मुख्य अतिथि के प्रयासों का भी मतलब सिद्ध हो।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रोजगार सहायक नेहा पटेल, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुषमा पटेल, ज्ञानवती साकेत, शिवकली पटेल, प्रमिला नामदेव, सहायिका गीता पटेल, सीमा साकेत, निर्मला नामदेव, आशा कार्यकर्ता अर्चना पटेल, पुष्पा पटेल, पंचवती पटेल, नीता नामदेव, सुचेता तिवारी, एवं ग्रामीण राहुल कुमार नामदेव, कुलदीप नामदेव, विद्यासागर नामदेव, विनोद कुर्मी, अमृतलाल साकेत, गेंदलाल पटेल, राजेंद्र पटेल, हीरालाल नामदेव, राम दरस नीरत, केस कली पटेल, सुनीता पटेल, छोटेलाल पटेल, प्रेमवती पटेल, कुसुम कली पटेल, भैया लाल पटेल सहित सैकड़ों महिला और पुरुष हितग्राही उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में, ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक यज्ञ नारायण साहू ने सभी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और उपस्थित आम जनता का आभार व्यक्त किया। यह आयोजन वित्तीय रूप से वंचित समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ।