संजीवनी क्लीनिक पर नहीं डॉक्टर, कर्मचारी दे रहे मनमर्जी का ट्रिटमेंट Aajtak24 News

संजीवनी क्लीनिक पर नहीं डॉक्टर, कर्मचारी दे रहे मनमर्जी का ट्रिटमेंट Aajtak24 News

इंदौर - लोगों को बेहतर और सुलभ उपचार उपलब्ध हो सके, इसलिए शासन ने मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक हर वार्ड में स्थापित किए हैं। सरकार की इस पहल का लोगों द्वारा भी बेहतर प्रतिसाद दिया जा रहा है, लेकिन इन संजीवनी क्लीनिक के डॉक्टर बहानेबाजी कर यहां से गायब रहते हैं और यहां के कर्मचारी डॉक्टरों की अनुपस्थिति में मरीज को मनमर्जी का ट्रिटमेंट दे रहे हैं। ऐसे कर्मचारी जिन्हें दवाइयों का अनुभव ही नहीं फिर भी दवाई लिखकर काउंटर से लेने का कह रहे हैं। ऐसा ही मामला द्रविड़ नगर, वार्ड 71, इंदौर स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर अर्थात मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक पर सामने आया। यहां के काउंटर पर पर्ची बनाने वाले व्यक्ति ने एक मरीज के पूछे जाने पर बताया कि संजीवनी क्लीनिक की इंचार्ज डॉ. मधु व्यास हैं, लेकिन वे पीसी सेठी अस्पताल में किसी कैंप में गई हुई हैं। वहीं एक अन्य डॉक्टर भी क्लीनिक पर नहीं हैं। इसलिए फार्मासिस्ट से ही सीधे दवाई ले लो। पेशेंट द्वारा इंचार्ज डॉक्टर का मोबाइल नंबर मांगे जाने पर उससे भी इनकार कर दिया गया। उधर, मामले में जब पीसी सेठी अस्पताल में चर्चा की गई तो वहां से बताया गया कि यह इस प्रकार का कोई कैंप नहीं लगा है, जिसमें संजीवनी क्लीनिक के डॉक्टर को बुलाया हो। 

सर्दी-खांसी-बुखार के मरीज को नहीं दी खांसी की दवाई

द्रविड़ नगर, इंदौर स्थित मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक पर डॉक्टर की अनुपस्थिति में कर्मचारियों द्वारा एक मरीज को जो दवाई दी गई उसे जब एक प्रैक्टिसनर फार्मासिस्ट को दिखाया गया तो उसने बताया कि इसमें खांसी की दवाई ही नहीं है। ऐसे में पेशेंट कैसे ठीक होगा। उधर, दूसरा एक प्रश्न यह भी सामने आता है कि यदि कोई दवाई बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के लिखे पेशेंट को नुकसान कर जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। मामले में सीएमएचओ डॉ. माधव हासानी से चर्चा करने की कोशिश की, लेकिन व्यस्तता की वजह से बात नहीं हो सकती।



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