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मऊगंज में व्यापारी संघ ग्रुप पर जातीय टिप्पणी से मचा बवाल, भाजपा विधायक के करीबी सुलेंद्र गुप्ता विवादों के घेरे में Aajtak24 News |
मऊगंज - कभी मंडल अध्यक्ष और विधायक प्रतिनिधि रहे तथा वर्तमान विधायक प्रदीप पटेल के खासमखास माने जाने वाले सुलेंद्र गुप्ता उर्फ गेंदे बाबू इन दिनों अपने एक विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। व्यापारी संघ मऊगंज के सोशल मीडिया ग्रुप में की गई उनकी टिप्पणी ने पूरे नगर के व्यापारी वर्ग को झकझोर कर रख दिया है। बताया जाता है कि गुप्ता ने ग्रुप में ब्राह्मण, ठाकुर और मुस्लिम समाज के लोगों को बैठक में आमंत्रित न करने जैसी अपील की, जिसके बाद नगर का सामाजिक वातावरण तनावपूर्ण हो उठा। व्यापारी समाज, जो अब तक सौहार्द्र और भाईचारे के लिए पहचाना जाता था, गुप्ता की इस टिप्पणी से आक्रोशित है। नगर के सभी व्यापारी वर्ग ने इसे विषैला वक्तव्य करार देते हुए कहा कि इस प्रकार की सोच न केवल समाज को खंडित करती है, बल्कि व्यापार की मूल भावना के भी प्रतिकूल है। पूर्व अध्यक्ष व्यापारी संघ मऊगंज, छेदीलाल गुप्ता ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुलेंद्र गुप्ता को “कुंठित मानसिकता वाला व्यक्ति” बताया और कहा कि व्यापारी संघ का इतिहास हमेशा सभी जातियों को साथ लेकर चलने का रहा है।
युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आशुतोष मिश्रा ने भी गुप्ता की टिप्पणी को सामाजिक जहर बताया और कहा कि व्यापार किसी एक समाज का पेटेंट नहीं है। उन्होंने व्यापारी वर्ग से अपील की कि ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार किया जाए ताकि सौहार्द्रपूर्ण वातावरण अक्षुण्ण बना रहे। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी ने इसे भाजपा की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए दुख व्यक्त किया कि आखिरकार ऐसे विचारों वाले व्यक्ति को पार्टी में कैसे स्थान दिया गया। गौरतलब है कि सुलेंद्र गुप्ता लंबे समय से मऊगंज भाजपा विधायक प्रदीप पटेल के नजदीकी माने जाते हैं। सरकारी आयोजनों से लेकर बड़े कार्यक्रमों में टेंट, लाइटिंग और अन्य सामग्री आपूर्ति की जिम्मेदारी प्रायः इन्हीं की दुकान को मिलती रही है। नगर के लोग कहते हैं कि यही कारण है कि उन्हें सामान्य ग्राहकों की परवाह भी नहीं रहती। चर्चा है कि मऊगंज जनपद के एक 30 मिनट के कार्यक्रम में करीब 14 लाख रुपए खर्च किए गए, जिसकी जांच भी हुई, लेकिन सत्ता संरक्षण के चलते मामला दबा दिया गया।
इस प्रकरण ने मऊगंज की सियासत को भी हिला दिया है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि विधायक प्रदीप पटेल इस पूरे विवाद पर मौन क्यों साधे हुए हैं। उनका यह मौन कहीं न कहीं सुलेंद्र गुप्ता की हरकत को मौन समर्थन जैसा प्रतीत होता है। भाजपा कार्यकर्ता राजाराम गुप्ता ने भी साफ कहा कि पार्टी का नारा “सबका साथ, सबका विकास” है, ऐसे में किसी वर्ग विशेष के खिलाफ बयान पार्टी की विचारधारा के विपरीत है। राजमहल होटल के संचालक राजेश प्रताप सिंह ने कहा कि सार्वजनिक जीवन जीने वाले व्यक्ति को अत्यंत सोच-समझकर भाषा का उपयोग करना चाहिए। इस तरह की टिप्पणी नगर की सामाजिक संरचना को कमजोर करती है। मऊगंज, जिसने पहले भी जातीय वैमनस्य की आग झेली है, वहां इस तरह का विवाद एक बार फिर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। समाज का सर्वमान्य मत यही है कि व्यापार जाति या धर्म देखकर नहीं किया जाता और जो ऐसा करेगा, वह व्यापार और समाज—दोनों से हाथ धो बैठेगा।
नगरवासियों का कहना है कि सत्ता का सुख स्थायी नहीं होता और किसी की कुर्सी हमेशा के लिए नहीं होती। ऐसे में सुलेंद्र गुप्ता जैसे लोगों को यह समझना चाहिए कि समाज में विभाजन की राजनीति या व्यापार की जातीय रेखाओं पर की गई टिप्पणी अंततः उनके लिए ही घातक सिद्ध होगी।